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राष्ट्रपति ने आर्थिक संकट से निपटने के लिए दलों की एकता का किया आग्रह

HARRY
4 Jun 2023 2:26 PM GMT
राष्ट्रपति ने आर्थिक संकट से निपटने के लिए दलों की एकता का किया आग्रह
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बोले- अस्थायी है स्थिरता

जनता से रिश्ता वेब्डेस्क | राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने श्रीलंका को अभूतपूर्व आर्थिक संकट से उबारने के लिए सभी दलों से संयुक्त कार्रवाई का आह्वान किया है। विक्रमसिंघे ने शुक्रवार को नुवारा एलिया के सेंट्रल रिजॉर्ट में आयोजित एक कानूनी कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि संसद में किसी भी राजनीतिक दल के पास वर्तमान में 50 फीसदी मतदाता आधार नहीं है।

कर्ज के बोझ तले दबे देश के वित्त मंत्री विक्रमसिंघे ने कहा कि दस महीने पहले देश के सामने आई आर्थिक चुनौतियां इतिहास में अभूतपूर्व हैं। उन्होंने कहा, 'हमारे देश को राज्य की विफलता की स्थिति का सामना करते हुए 10-11 महीने हो गए हैं। हालांकि, हम अपने देश में कानून और व्यवस्था, राजनीतिक स्थिरता और आर्थिक स्थिरता स्थापित करने में कामयाब रहे हैं। फिर भी, हम जानते हैं कि यह स्थिरता केवल अस्थायी है, और हमारे सामने आने वाली चुनौतियों को दूर करने के लिए हमारे पास अभी भी एक लंबा रास्ता है।'

उन्होंने आगे कहा, 'इसलिए न केवल चुनाव के उद्देश्य से बल्कि देश को चल रहे आर्थिक संकट से उबरने की दिशा में ले जाने के लिए पार्टियों के बीच एकता की जरूरत है।' विक्रमसिंघे ने जोर देकर कहा कि कानून-व्यवस्था और राजनीतिक व आर्थिक स्थिरता की फिर से स्थापना महत्वपूर्ण है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि श्रीलंका इस संकट से पूरी तरह से उबर गया है।'

द्वीप राष्ट्र को 2022 में एक अभूतपूर्व वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा। यह 1948 में ब्रिटेन से आजादी के बाद से देश का सबसे खराब आर्थिक संकट था। विदेशी मुद्रा भंडार की गंभीर कमी के कारण श्रीलंका में एक बड़ा राजनीतिक और मानवीय संकट पैदा हो गया था। कर्ज के बोझ से दबे इस देश में विरोध प्रदर्शन हुए थे जिसके बाद ताकतवर राजपक्षे परिवार को राजनीति से बाहर कर दिया गया था। पिछले साल नौ जुलाई को गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे के बाद विक्रमसिंघे ने देश के राष्ट्रपति का पदभार संभाला था।

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