विश्व
इस्लाम पर विवादित टिप्पणी करने वाले कार्डिनल को पोप फ्रांसिस ने किया बर्खास्त
Apurva Srivastav
21 Feb 2021 6:30 PM GMT
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ईसाई धर्म के सबसे बड़े धर्मगुरू ने अफ्रीका के एक कार्डिनल को इस्लाम को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद हटा दिया है।
ईसाई धर्म के सबसे बड़े धर्मगुरू ने अफ्रीका के एक कार्डिनल को इस्लाम को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद हटा दिया है। बताया जा रहा है कि रॉबर्ट सारा धार्मिक मामलों को लेकर पोप फ्रांसिस से सीधे भिड़ गए थे। उन्होंने यूरोप में बढ़ती शरणार्थी समस्या को इस्लाम से जोड़ते हुए वेटिकन सिटी से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की थी। रॉबर्ट सारा ने कहा था कि अगर शरणार्थियों की बाढ़ ऐसी ही आती रही तो पूरी दुनिया में जल्द ही इस्लाम का हमला शुरू हो जाएगा।
वेटिकन के धार्मिक अनुष्ठान मामलों को देख रहे थे सारा
बताया जा रहा है कि पोप फ्रांसिस ने कार्डिनल रॉबर्ट सारा की इस्तीफा तत्काल स्वीकार कर लिया है। रॉबर्ट सारा अफ्रीकी देश गिनी के रहने वाले हैं। उन्होंने पिछले 20 साल में वेटिकन सिटी में कई महत्पूर्ण पदों पर काम किया है। वर्तमान में वे वेटिकन सिटी के पूजा और धार्मिक अनुष्ठान के मामलों को देख रहे थे। वेटिकन ने शनिवार को ऐलान किया कि कार्डिनल सारा अपने पद को छोड़ रहे हैं।
इस्लाम पर दिया था विवादित बयान
उन्होंने 2019 में इस्लाम पर टिप्पणी करते हुए विवादित बयान दिया था कि अगर कैथोलिक चर्च प्रवासी समस्या पर हस्तक्षेप नहीं करता तो दुनिया पर इस्लाम का आक्रमण होगा। बताया जा रहा है कि सारा ने पिछले साल जून में 75 साल के होने के बाद ही अपना इस्तीफा सौंप दिया था। क्योंकि चर्च के कानून में कोई भी 75 साल के बाद वेटिकन में नौकरी नहीं कर सकता। हालांकि, पोप फ्रांसिस अक्सर वेटिकन के अधिकारियों को अपने पदों पर लंबे समय तक रहने की अनुमति दे देते हैं।
पहले भी पोप फ्रांसिस से उलझ चुके हैं सारा
कार्डिलन रॉबर्ड सारा 2014 में पोप फ्रांसिस के उस आदेश को मानने से इनकार कर दिया था जिसमें होली थर्सडे सर्विस में महिलाओं को भाग लेने की अनुमति दी गई थी। दरअसल पोप फ्रांसिस वेटिकन सिटी की महिलाओं को लेकर रूढ़िवादिता को कम करने की कोशिश में जुटे हैं। इसलिए, पिछले साल उन्होंने वेटिकन के वित्तीय विभाग की प्रमुख सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर महिलाओं की नियुक्ति की थी।
किताब को लेकर भी हुआ था विवाद
सारा पिछले साल पादरियों के ब्रह्मचर्य की रक्षा वाले एक पुस्तक के विवादित प्रकरण में भी शामिल थे। उन्होंने दावा किया था कि इस पुस्तक को संयुक्त रूप से पूर्व पोप बेनेडिक्ट के साथ लिखा था। इसके प्रकाशन के कुछ ही दिन पहले ही पोप बेनेडिक्ट ने कहा कि वह अपना नाम किताब के कवर से हटा देना चाहते थे क्योंकि उसने केवल एक मामूली योगदान दिया था।
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