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दुनिया के सभी गरीब देशों को कोरोना वैक्सीन दिलाने के लिए भारत की लंबी चली आ रही मांग के समर्थन में आए पोप

Gulabi Jagat
11 Jun 2022 3:35 PM GMT
दुनिया के सभी गरीब देशों को कोरोना वैक्सीन दिलाने के लिए भारत की लंबी चली आ रही मांग के समर्थन में आए पोप
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कोरोना वैक्सीन दिलाने के लिए भारत की लंबी चली आ रही मांग के समर्थन में आए पोप
दुनिया के सभी गरीब देशों को कोरोना वैक्सीन दिलाने के लिए भारत की लंबी चली आ रही मांग के समर्थन में अब पोप फ्रांसिस भी आ गए हैं। पोप फ्रांसिस ने ट्वीट कर कहा है कि गरीब व अफ्रीका के देशों को कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराने की जरूरत है और वह इस मांग के समर्थन में हैं। वह डब्ल्यूटीओ की बैठक में सभी देशों को कोरोना वैक्सीन दिलाने के उपाए निकालने का हल चाहते हैं।
भारत पिछले एक साल से भी अधिक समय से सभी देशों को कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए वैक्सीन निर्माण के पेटेंट में छूट की मांग कर रहा है। भारत और ब्राजील के साथ दुनिया के 100 से अधिक देश वैक्सीन निर्माण के पेटेंट में छूट के समर्थन में हैं ताकि कोई भी देश कोरोना वैक्सीन का निर्माण कर सके। पिछले साल इस मामले को लेकर डब्ल्यूटीओ में बैठक हुई थी, लेकिन विकसित देशों के विरोध के कारण अब तक इस मामले में कोई नतीजा नहीं निकल सका है।
जेनेवा में 12-15 जून को डब्ल्यूटीओ के मिनिस्टि्रयल सम्मेलन का आयोजन होने जा रहा है जिसमें कोरोना वैक्सीन निर्माण के लिए पेटेंट छूट पर सहमति बनाने की कोशिश की जाएगी। डब्ल्यूटीओ की महानिदेशक एनगोजी ओकोंजो-आइवियाला ने आगामी बुधवार तक पेटेंट छूट के मामले में सहमति बनाने के लिए कहा है। हालांकि कुछ देश चाहते हैं कि इस पेटेंट छूट का लाभ चीन को नहीं मिले।
ब्रिटेन और स्वीटजरलैंड अब भी पेटेंट पर छूट के पक्ष में पूरी तरह से नहीं हैं। ब्रिटेन चाहता है कि सिर्फ वैक्सीन निर्माण के पेटेंट में छूट दी जाए, लेकिन वैक्सीन के लिए जरूरी कच्चे माल के निर्माण के पेटेंट में छूट नहीं मिले। भारत पेटेंट के साथ टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और वैक्सीन से जुड़े कच्चे माल की उपलब्धता भी चाहता है ताकि कोरोना वैक्सीन का उत्पादन कम लागत में हो सके और गरीब देशों के नागरिक भी कोरोना वैक्सीन ले सकें।
दुनिया के आधे से अधिक देश कोरोना वैक्सीन के लिए कुछ विकसित देशों के मोहताज हैं और उन्हें अब तक वैक्सीन की एक भी डोज नहीं मिली है। विकसित देशों में कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां पटेंट में छूट के पक्ष में नहीं हैं क्योंकि इससे उनके मुनाफे पर असर पड़ेगा। भारत दुनिया के 60 से अधिक देशों में वैक्सीन की आपूर्ति कर चुका है।
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