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Pfizer दवा का साइड इफेक्ट! वैक्‍सीन लगवाने के एक हफ्ते बाद नर्स को हुआ कोरोना

Gulabi
30 Dec 2020 11:59 AM GMT
Pfizer दवा का साइड इफेक्ट! वैक्‍सीन लगवाने के एक हफ्ते बाद नर्स को हुआ कोरोना
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फाइजर की कोरोना वायरस वैक्‍सीन लगवाने के एक हफ्ते बाद ही एक स्वास्थ्यकर्मी कोरोना पॉजिट‍िव

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वॉशिंगटन: अमेरिका के कैलिफोर्निया में फाइजर की कोरोना वायरस वैक्‍सीन लगवाने के एक हफ्ते बाद ही एक स्वास्थ्यकर्मी कोरोना पॉजिट‍िव हो गया है। मैथ्‍यू डब्‍ल्‍यू नाम का स्वास्थ्यकर्मी दो अलग-अलग हॉस्पिटल में नर्स का काम करता है। इस नर्स ने गत 18 दिसंबर को कोरोना वायरस वैक्‍सीन लगवाया था और फेसबुक पर पोस्‍ट करके इसकी जानकारी भी दी थी। स्वास्थ्यकर्मी ने कहा था कि उसे वैक्‍सीन लगवाने के बाद कोई साइड इफेक्‍ट नहीं हुआ था।

रिपोर्ट के मुताबिक वैक्‍सीन लगवाने के 6 दिन बाद क्रिसमस की पूर्व संध्‍या पर कोविड-19 यूनिट में काम करने के बाद स्वास्थ्यकर्मी बीमार हो गया। स्वास्थ्यकर्मी को ठंड लगने लगा और बाद में उसके शरीर में दर्द होने लगा। स्वास्थ्यकर्मी को थकान महसूस होने लगा। क्रिसमस के बाद नर्स अस्‍पताल गया और कोरोना टेस्‍ट कराया।
इम्‍युनिटी पैदा होने में लग सकता है 10 से 14 दिन
अमेरिका के संक्रामक रोग विशेषज्ञ रेमर्स ने कहा, 'हम वैक्‍सीन के क्लिनिकल ट्रायल से जानते हैं कि कोरोना वायरस के खिलाफ इम्‍युनिटी पैदा होने में 10 से 14 दिन लग सकता है। मैं समझता हूं कि कोरोना वायरस वैक्‍सीन का पहला डोज आपको करीब 50 फीसदी सुरक्षा देता है और आपको 95 फीसदी सुरक्षा के लिए दूसरे डोज की जरूरत होती है।' इससे पहले अमेरिका में लगातार रेकॉर्ड संख्या में कोरोना वायरस के केस मिलने के बाद आनन-फानन में खाद्य और औषधि प्रशासन ने फाइजर की कोरोना वैक्सीन को अपनी मंजूरी दी थी।


वैक्सीन एडवाइजरी समूह ने 17-4 वोटों के साथ फैसला किया था कि फाइजर का शॉट 16 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों में सुरक्षित है। फाइजर ने दावा किया है कि उसकी कोरोना वायरस वैक्सीन 95 प्रतिशत से ज्यादा प्रभावी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप टीके को जल्द से जल्द मंजूरी देने के लिए दबाव बना रहे थे। बता दें कि अमेरिका के खाद्य और औषधि प्रशासन ने भी लोगों को सलाह जारी कर कहा है कि वे वैक्सीन की डोज लेने के पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

एलर्जी वाले व्‍यक्ति को फाइजर की वैक्‍सीन नहीं
लोगों से यह जानकारी लेने के कहा गया है कि वे यह जरूर पता कर लें कि उन्हें वैक्सीन के किसी घटक से कोई एलर्जी तो नहीं है। एफडीए ने अपनी गाइडलाइन में कहा है कि स्वास्थ्य नियंत्रण किसी भी ऐसे आदमी को फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन न दें जिसका एलर्जी का कोई इतिहास रहा हो।

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