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पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार किए जाने की पहल रास नहीं आ रही है।
पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार किए जाने की पहल रास नहीं आ रही है। भारत, ब्राजील, जर्मनी और जापान जी-4 के इन चार देशों ने 15-सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार किए जाने को लेकर आवाज उठाई है। यही नहीं इन देशों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में नए स्थायी सदस्यों को जोड़ने के प्रयास को तेज करने पर भी जोर दिया है। इसके ठीक उलट पाकिस्तान ने इन तमाम पहलकदमियों का विरोध किया है।
इसके पीछे पाकिस्तान अजीब तर्क दे रहा है। पाकिस्तान ने कहा है कि सुरक्षा परिषद के प्रसार से आपसी सहमति पर आधारित उन प्रक्रियाओं की हत्या हो जाएगी जो इस संस्था को प्रभावी और जवाबदेह बनाती हैं। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी राजदूत मुनीर अकरम (Munir Akram) ने कहा कि इसे अंतर सरकारी वार्ता प्रक्रिया को कमजोर करना बताया है। उन्होंने कहा कि ऐसी किसी भी कोशिश का उल्टा नतीजा निकलेगा।
मुनीर अकरम (Munir Akram) ने कहा कि सुरक्षा परिषद में व्यापक सुधार के लिए अंतर सरकारी वार्ता ही एकमात्र विश्वसनीय मंच है। जी-4 के सदस्य देश– भारत, ब्राजील, जर्मनी और जापान ऐसी आशंका पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं कि यदि सुधार संबंधी उनके प्रयासों का समर्थन नहीं किया गया तो सुरक्षा परिषद में सुधार का एक बड़ा मौका हाथ से निकल जाएगा। अकरम ने ट्वीट कर कहा कि आईजीएन की पहली बैठक में पाकिस्तान की सैद्धांतिक स्थिति को स्पष्ट किया।
उन्होंने (Munir Akram) कहा कि पाकिस्तान अंतर सरकारी वार्ता प्रक्रिया में जान डालने का प्रयास कर रहा है। अकरन ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ देश इस प्रक्रिया की हत्या करना चाहते हैं। उल्लेखनीय है कि जी-4 के देशों ने सुरक्षा परिषद में 10 देशों (छह स्थायी और चार अस्थायी) को शामिल किए जाने की वकालत की है। वहीं इटली और पाकिस्तान ने सुरक्षा परिषद में किसी भी दूसरे देश को शामिल करने पर आपत्ति जताई है।
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