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विटामिन डी का स्तर कम होना कोरोना के गंभीर होने के साथ ही जान जाने के खतरे को भी बढ़ाता है
तेल अवीव, आइएएनएस। विटामिन डी का स्तर कम होना कोरोना के गंभीर होने के साथ ही जान जाने के खतरे को भी बढ़ाता है। एक अध्ययन में पाया गया है कि कोविड संक्रमण से पहले विटामिन डी का स्तर महामारी के गंभीर रूप लेने से जुड़ा है। विटामिन डी को हड्डियों के स्वास्थ्य में इसकी भूमिका के लिए जाना जाता है। लेकिन पूरक का कम स्तर आटोइम्यून, कार्डियोवैस्कुलर और संक्रामक बीमारी से भी जुड़ा है।
महामारी के प्रारंभिक चरण में स्वास्थ्य सेवा से जुड़े अधिकारियों ने लोगों को विटामिन डी लेने के लिए प्रोत्साहित करना शुरू किया। इसका कारण यह है कि यह इम्यून प्रतिक्रिया को प्रोत्साहित करने में भूमिका निभाता है और कोविड-19 से बचाव कर सकता है।
इजरायल के साफेड में बार-इलान यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन में पाया गया कि विटामिन डी की कमी (20 एनजी-एमएल से कम) वाले रोगियों में 40 एनजी-एमल से ज्यादा वालों के मुकाबले कोविड के गंभीर या नाजुक होने का खतरा 14 गुना ज्यादा रहता है। ध्यान देने वाली बात यह है कि पर्याप्त विटामिन डी स्तर वाले रोगियों में मृत्यु दर 2.3 फीसद पाई गई जबकि इसके विपरीत विटामिन डी की कमी वाले समूह में यह दर 25.6 फीसद मिली। अध्ययन के परिणाम पीएलओएस वन जर्नल में प्रकाशित हुए हैं।
Gulabi
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