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वियना परमाणु डील पर नहीं बनी कोई बात, कई मुद्दे अनसुलझे, ईरान ने लगाया आरोप पश्चिम देश नहीं ले सके फैसला

Renuka Sahu
1 March 2022 2:55 AM GMT
वियना परमाणु डील पर नहीं बनी कोई बात, कई मुद्दे अनसुलझे, ईरान ने लगाया आरोप पश्चिम देश नहीं ले सके फैसला
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फाइल फोटो 

ईरान और अमेरिका के बीच वर्ष 2015 में हुई परमाणु डील को दोबारा शुरू करने को लेकर चली बातचीत फिलहाल विफल हो गई है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ईरान और अमेरिका के बीच वर्ष 2015 में हुई परमाणु डील को दोबारा शुरू करने को लेकर चली बातचीत फिलहाल विफल हो गई है। ईरान का कहना है कि अमेरिका यदि तेहरान की मांग पूरी करने का राजनीतिक फैसला लेता है तो 2015 के परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने का प्रयास सफल हो सकता है। इस मामले में हुआ समझौता अब एक मोड़ पर आ गया है जिसको ईरान के एक राजनयिक ने अभी या कभी नहीं का नाम दिया है। इस बयान से स्‍पष्‍ट संकेत भी आ रहे हैं। ईरान ने साफ कर दिया है कि इस डील के मुद्दे अब तक अनसुलझे हैं जिन पर पश्चिमी देश फैसला नहीं ले सके हैं।

आपको बता दें कि वर्ष 2015 में अमेरिका और ईरान के बीच हुए समझौते को दोबारा लागू करने के लिए दस माह से अधिक की बातचीत चली है। यदि ये बातचीत विफल रही तो इससे नया क्षेत्रीय युद्ध छिड़ने का खतरा भी बढ़ जाएगा। यदि ऐसा हुआ तो संभव है कि पश्चिमी देशों द्वारा ईरान पर और कठोर प्रतिबंध लगा दिए जाएं। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि कहां तक प्रतिबंधों को वापस लिया जाएगा इसे स्‍पष्‍ट रूस से बताना जरूरी होगा। साथ ही यह गारंटी मुहैया करानी होगी कि अमेरिका फिर से समझौते से बाहर नहीं होगा। इतना ही नहीं, ईरान में कई पुराने लेकिन अघोषिषत स्थलों पर पाए गए यूरेनियम के निशान पर सवाल नहीं उठाए जाएंगे। इन सब मुद्दों का समाधान करना होगा।
इस बातचीत के विफल होने के बाद तेल संकट भी बढ़ सकता है जो मौजूदा समय में रूस यूक्रेन तनाव की वजह से पहले ही दबाव में है। आपको बता दें कि अमेरिका के पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने इस परमाणु समझौते से वर्ष 2018 में ये कहकर खुद को बाहर कर लिया था कि ये उनके देश के लिए फायदे का सौदा नहीं है। इसके बाद 2019 में ईरान भी इस समझौते से अलग हो गया था। लगातार हो रही वार्ता के बाद ईरान ये स्‍पष्‍ट कर चुका है कि अब भी मतभेद बरकरार है, जिन्‍हें दूर करना बेहद जरूरी है। ईरान के विदेश मंत्रालय प्रवक्ता सईद खतीबजादेह का कहना है कि पश्चिम देश कुछ खास मुद्दों पर अब तक फैसला नहीं ले सके हैं।
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