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बच्चे सप्ताह में छह घंटे शारीरिक गतिविधियां यानी एक्सरसाइज या फिर खेलकूद में भाग लेते हैं, उनमें मोटापे की समस्या का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।
वर्तमान में बच्चों में मोटापा संबंधी स्वास्थ्य समस्या विश्व स्तर पर तेजी से एक बड़ी चुनौती के रूप में उभरी है। इस संबंध में यूनिवर्सिटी आफ हेलसिंकी व फोखलसन रिसर्च सेंटर ने व्यापक अध्ययन किया है। अध्ययन में यह जानने की कोशिश की गई कि स्कूल जाने वाले छोटे बच्चों में डिजिटल मीडिया के अधिक उपयोग और किशोरावस्था में मोटापे के बीच क्या कोई संबंध है।
बचपन से ही जो बच्चे डिजिटल मीडिया पर ज्यादा समय बिताते हैं, उनमें किशोरावस्था तक आते-आते मोटापे की समस्या होने लगती है। बाद में मोटापे से जुड़ी कई दिक्कतों का ऐसे बच्चों को सामना करना पड़ता है। एक नए अध्ययन में यह सामने आया है कि शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाकर डिजिटल मीडिया पर अधिक समय बिताने से उत्पन्न खतरों को कम किया जा सकता है। इस अध्ययन के परिणाम जर्नल आफ फिजिकल एक्टिविटी एंड हेल्थ में प्रकाशित हुए हैं। इस अध्ययन से पता चला है कि जो बच्चे डिजिटल मीडिया का बहुत उपयोग करते हैं और वे 11 साल की उम्र से सप्ताह में छह घंटे भी शारीरिक गतिविधियों में सक्रिय रहते हैं तो 14 साल की उम्र तक उनमें मोटापा होने के खतरे कम हो जाते हैं।
अध्ययन में 4661 बच्चों को शामिल किया गया। इन सभी बच्चों के डिजिटल मीडिया के उपयोग और उनके शारीरिक गतिविधियों को करने के संबंध में पूरा डाटा तैयार कर उसका अध्ययन किया गया। अध्ययन में पाया गया कि जो बच्चे सप्ताह में छह घंटे शारीरिक गतिविधियां यानी एक्सरसाइज या फिर खेलकूद में भाग लेते हैं, उनमें मोटापे की समस्या का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।
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