जनता से रिश्ता वेबडेस्क | इस बीच यह खबर चर्चित है कि यूक्रेन जल्द ही रूस पर एक बड़े हमले की तैयारी में है। अमेरिका की उप विदेश मंत्री विक्टोरिया नुलैंड ने भी कहा है कि संभावित हमले के लिए अमेरिका और यूक्रेन संपर्क में हैं...
यूक्रेन के सेनाध्यक्ष वलेरी जलुझनी के खोज-खबर को लेकर रहस्य बढ़ता चला जा रहा है। जलुझनी यूक्रेन की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सदस्य भी हैं। कई हफ्तों से वे सामने नहीं आए हैं। कुछ रोज पहले यूक्रेन सरकार ने उनका एक वीडियो जारी किया। इससे यह बताने की कोशिश की गई कि जलुझनी भले-चंगे हैं। लेकिन अनेक विश्लेषकों ने इस पर यकीन नहीं किया है।
इस बीच जलुझनी को लेकर अफवाहों का बाजार गर्म रहा है। सबसे पहले खबर फैली कि वे लड़ाई में मारे गए हैं। तब कहा गया था कि पूर्वी यूक्रेन में किसी जगह पर किसी कमांड पोस्ट में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उनकी बैठक हो रही थी, जिस पर रूस ने हमला कर दिया। बाद में अफवाह फैली कि जलुझनी जिंदा हैं, लेकिन उस हमले में वे बुरी तरह जख्मी हो गए और उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
विश्लेषकों के मुताबिक इन अफवाहों के गर्म रहने के लिए यूक्रेन की सेना भी जिम्मेदार रही है। अगर उसने उनके बारे में स्पष्ट जानकारी दे दी होती, तो अफवाहों को बल नहीं मिलता। इस बीच यह खबर चर्चित है कि यूक्रेन जल्द ही रूस पर एक बड़े हमले की तैयारी में है। अमेरिका की उप विदेश मंत्री विक्टोरिया नुलैंड ने भी कहा है कि संभावित हमले के लिए अमेरिका और यूक्रेन संपर्क में हैं। इस खबर के बाद कहा गया कि जलुझनी इस हमले की तैयारियों में जुटे हुए हैं।
इस बीच एक चर्चा यह गर्म हुई है कि जलुझनी यूक्रेन की मौजूदा ताकत के बीच रूस पर हमला करने को इच्छुक नहीं हैं। कई विश्लेषकों ने कहा है कि रूस की सेना यूक्रेन से बहुत बड़ी है और उसके बाद जो हथियार और उपकरण हैं, वे यूक्रेन के हथियारों से बेहतर हैं। जबकि एक खबर यह है कि यूक्रेन ने संभावित हमले के लिए 12 ब्रिगेड संगठित किए हैं, जिनमें नौ के पास अमेरिकी और यूरोपीय हथियार हैं।
कुछ दूसरी अफवाहें भी फैली हैं। इनमें कहा गया है कि इस समय यूक्रेन में सैन्य नेतृत्व और सरकारी नेताओं के बीच टकराव चल रहा है। युद्ध में यूक्रेन की सेना को हुए भारी नुकसान के बाद यह टकराव शुरू हुआ। अमेरिकी थिंक टैंक सेंटर फॉर सिक्युरिटी पॉलिसी में सीनियर फेलॉ स्टीफन ब्रायन ने अपने सब्सटैक ब्लॉग वीपंस एंड स्ट्रेटेजी में लिखा है कि यूक्रेन की वायु सेना बहुत कमजोर हो चुकी है। इसलिए उसकी थल सेना ने अगर अगला हमला किया, तो ऐसा उसे वायु सेना की मदद के बिना करना होगा। साथ ही उसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से जाम किए गए युद्ध क्षेत्र में उतरना होगा, जहां संभव है कि पश्चिमी हथियार उतना कारगर नहीं हों, जितना बताया गया है।