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इससे पीड़ित इंसान को छूने या उसके संपर्क में आने से संक्रमण फैल सकता है.
मंकीपॉक्स वायरस (Monkeypox), एक ऐसा नाम जो कोरोना के साये के बीच आया और देखते-देखते पूरी दुनिया में फैल गया. इसके तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने शनिवार को इसे लेकर ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा कर दी है. डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस का कहना है कि, मंकीपॉक्स का प्रकोप अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता का विषय है, इसलिए यह कदम उठाया गया है. आज हम बात करेंगे इस वायरस पर विस्तार से बात. आखिर कैसे यह बीमारी देखते-देखते दुनिया के अलग-अलग देशों में पहुंच रही है.
इसके खतरों को किया नजरअंदाज
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस ने बताया कि, इमरजेंसी कमेटी ने स्वीकार किया है कि इस वायरस के कई पहलू असामान्य हैं. यह वायरस काफी समय से मौजूद है, लेकिन इसके खतरों पर कभी ध्यान ही नहीं दिया गया. यही वजह है कि आज यह वायरस कई ऐसे देशों में भी पहुंच चुका है जहां पहले कभी इसकी मौजूदगी नहीं रही है.
1 महीने में ही 5 गुना मरीज बढ़े
यह बीमारी कितनी तेजी से फैल रही है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक महीने पहले तक 47 देशों में इसके करीब 3040 मरीज थे, लेकिन जुलाई में यह आंकड़ा 5 गुना हो चुका है. अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर फॉर डिसिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) की वेबसाइट के अनुसार अब यह वायरस 74 देशों तक जा चुका है और अभी इसके मरीजों की संख्या करीब 16,836 है. इसकी वजह से 5 लोगों की मौत भी हो चुकी है. आंकड़ों की मानें तो स्पेन में इसके सबसे ज्यादा 3125 केस हैं. इसके बाद अमेरिका में 22890, जर्मनी में 2268, ब्रिटेन में 2208 और फ्रांस में 1567 लोगों में इसकी पुष्टि हुई है.
इन देशों में तेजी से बढ़ रहे केस
सीडीसी के अनुसार, कुछ देशों में इसके केस तेजी से बढ़ रहे हैं. इनमें नीदरलैंड्स में 712, कनाडा में 681, ब्राजील में 592, पुर्तगाल में 588, इटली में 407, बेल्जियम में 311, स्विटजरलैंड में 216, पेरू में 143, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में 107, इस्राइल में 105 और नाइजीरिया में 101 केस मिल चुके हैं. यही नहीं जो भारत अब तक इससे बचा हुआ था, वहां भी इसके 3 केस मिल चुके हैं. ये तीनों केस केरल में मिले हैं.
6 देशों में मिली इसकी हिस्ट्री
सीडीसी की रिपोर्ट कहती है कि, दुनियाभर में मिले 16,836 केस में से 16,593 केस उन देशों में मिले हैं जहां पहले कभी मंकीपॉक्स के केस नहीं आए थे. केवल 243 केस उन 6 देशों में समाने आए जहां मंकीपॉक्स की हिस्ट्री रही है. वहीं, रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका अब इस वायरस से लड़ने के लिए लोगों को Jynneos वैक्सीन की दो खुराक लगाएगा. 15 लाख लोगों को इसके लिए चिह्नित किया गया है.
कैसे फैलता है यह वायरस
इंडिया मेडिकल टास्क फोर्स से जुड़े केरल के एक डॉक्टर ने बताया कि मंकीपॉक्स किसी संक्रमित जानवर के खून, उसके शरीर का पसीना या कोई और तरल पदार्थ या उसके घावों के सीधे संपर्क में आने से हो सकता है. रिपोर्ट बताती है कि गिलहरियों और चूहों से भी यह फैल सकता है. अधपका मांस या संक्रमित जानवर के दूसरे पशु उत्पादों के सेवन से भी मंकीपॉक्स हो सकता है. यह कोरोना की तरह संक्रामक नहीं है. हालांकि, इससे पीड़ित इंसान को छूने या उसके संपर्क में आने से संक्रमण फैल सकता है.
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