विश्व

Monkeypox: रूस मंकीपॉक्स को बनाना चाहता था बायो-वैपन, साइंटिस्ट ने किया बड़ा खुलासा

Nidhi Markaam
21 May 2022 4:28 PM GMT
Monkeypox: रूस मंकीपॉक्स को बनाना चाहता था बायो-वैपन, साइंटिस्ट ने किया बड़ा खुलासा
x

जनता से रिश्तावेब डेस्क | Monkeypox as Bioweapon: रूस इन दिनों दुनिया भर के निशाने पर है, जिसकी वजह है कि उसने यूक्रेन पर हमला किया. इस युद्ध ने दुनिया भर के देशों को रूस के विरोध में लाकर खड़ा कर दिया है. एक पूर्व सोवियत वैज्ञानिक ने दावा किया है कि रूस ने 1990 के दशक तक मंकीपॉक्स को एक बायो-वैपन के रूप में इस्तेमाल करने पर की योजना बनाई थी.

साइंटिस्ट ने किया खुलासा
ब्रिटिश टैब्लॉइड द मेट्रो की रिपोर्ट के अनुसार, दावे कनत अलीबेकोव द्वारा यह दावा किया गया है. इन्हें केनेथ अलीबेक के नाम से भी जाना जाता है, जो 1991 में सोवियत संघ के बायो-वैपन के स्पेशलिस्ट थे. बाद में, वह अमेरिका जाने से पहले एक साल के लिए रूस में रहे. अमेरिकन केमिकल एंड बायोलॉजिकल वेपन्स नॉनप्रोलिफरेशन प्रोजेक्ट (CBWNP) के साथ हाल ही में खोजे गए 1998 के एक साक्षात्कार में, अलीबेकोव ने दावा किया कि सोवियत देश के पास हथियार के रूप में वायरस का उपयोग करने का एक कार्यक्रम था. बता दें कि अलीबेकोव ने 32,000 कर्मचारियों के साथ रूस के लिए काम किया था
क्या बोले साइंटिस्ट
अलीबेकोव ने बताया, 'हमने यह निर्धारित करने के लिए एक विशेष कार्यक्रम विकसित किया है कि मानव चेचक के बजाय 'मॉडल' वायरस का उपयोग किया जा सकता है. हमने चेचक के लिए मॉडल के रूप में वैक्सीनिया वायरस, माउसपॉक्स वायरस, रैबिटपॉक्स वायरस और मंकीपॉक्स वायरस का परीक्षण किया.'
दो सप्ताह में कर देते काम
उन्होंने आगे कहा 'विचार यह था कि इन मॉडल वायरस का उपयोग करके सभी शोध और विकास कार्य किए जाएंगे. एक बार जब हम सकारात्मक परिणामों का एक सेट प्राप्त कर लेते हैं, तो चेचक के वायरस के साथ समान हेरफेर करने और युद्ध एजेंट को जमा करने में केवल दो सप्ताह लगेंगे.' वैज्ञानिक ने आगे दावा किया कि USSR के अंत के बाद, उत्तराधिकारी रूस के रक्षा मंत्रालय ने भविष्य के जैविक हथियार बनाने के लिए मंकीपॉक्स के साथ काम करना जारी रखा.
1950 में आया था मंकीपॉक्स
मंकीपॉक्स की पहचान पहली बार 1950 के दशक में हुई थी. जब रिसर्च के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले बंदरों की कॉलोनियों में दो बंदर इसके प्रकोप का शिकार बने थे. पहला इंसानी केस 1970 में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में दर्ज किया गया था


Next Story