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दुनिया में 13, 4, 17 के कई नंबरों को माना जाता है अनलकी, ये बड़ी वजह

Neha Dani
29 Oct 2021 2:46 AM GMT
दुनिया में 13, 4, 17 के कई नंबरों को माना जाता है अनलकी, ये बड़ी वजह
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बाइबल में John the Apostle ने 666 नंबर पैरा को ईसा मसीह का विरोध करने वालों का वर्णन किया है.

दुनिया के अलग-अलग देशों में कई ऐसी अनोखी परंपराएं प्रचलित हैं, जिन पर कई लोग आश्चर्य जताते हैं. इनमें वे नंबर्स (Unlucky Numbers) भी शामिल हैं, जिन्हें लोग अशुभ मानते हैं और उनसे बचने की कोशिश करते हैं.

ब्रिटेन के लोग मानते हैं ये विश्वास
द मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक अगर उदाहरण की बात की जाए तो दुनिया का कथित तौर पर सबसे विकसित मुल्क ब्रिटेन में एक सामान्य परंपरा है कि अगर रोजाना सुबह 11.11 बजे ईसा मसीह से कोई प्रार्थना की जाए तो वह पूरी हो जाती है. इस विश्वास का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. फिर भी लाखों लोग ठीक इसी समय अक्सर ऐसी विश मांगते देखे जा सकते हैं. कुछ लोग इसे विश्वास का नाम देते हैं तो कुछ लोग इसे अंधविश्वास (Blind Faith) कहते हैं.
समाजविज्ञानियों के मुताबिक दुनियाभर में लोग कुछ खास चीजों में विश्वास रखने के साथ ही कुछ चीजों से बचने की भी कोशिश करते हैं. वे कई ऐसे नंबर्स से हमेशा परहेज करने की कोशिश करते हैं, जिन्हें अनलकी कहा जाता है. आज हम आपको दुनिया में प्रचलित ऐसे ही अनलकी नंबरों (Unlucky Numbers) के बारे में बताएंगे.
13 नंबर से बचते हैं लोग
इस नंबर को दुनिया में सबसे ज्यादा अनलकी (Unlucky Numbers) माना जाता है. अधिकतर अपार्टमेंट में 13 वें नंबर की मंजिल नहीं होती. वहीं कई फ्लाइट में 13 नंबर की सीट तक नहीं रखी जाती. ऐसा क्यों है, इसके पीछे कई कहानियां प्रचलित हैं. Norse mythology के मुताबिक 13 वें अतिथि लोकी ने देवताओं की रात्रिभोज पार्टी को बर्बाद कर दुनिया को अंधेरे में डुबो दिया था. वहीं एक कहानी के मुताबिक यह अशुभ संख्या 13 बाइबिल से आई है. बाइबल में यहूदा को द लास्ट सपर में बैठने वाला 13वां अतिथि कहा गया है.
4 नंबर चीन में माना जाता है अशुभ
चीन में 4 नंबर को अशुभ (Unlucky Numbers) माना जाता है. इसकी वजह ये है कि 'फोर' शब्द का उच्चारण चीनी भाषा के मौत के शब्द के समान है. यही कारण है कि चीन में कई बिल्डिंगों में तीसरी मंजिल के बाद सीधे पांचवी मंजिल आ जाती है. वहां सड़कों का नामकरण भी नंबर 4 रखने से बचा जाता है. अगर किसी सड़क या बिल्डिंग में 4 नंबर का फ्लोर हो तो लोग वहां रहने से परहेज करते हैं. चीन के साथ ही कई मल्टीनेशनल कंपनियां भी 4 नंबर का इस्तेमाल करने से बचती हैं. जापानी कैमरा निर्माता कंपनी फूजी ने अपने सीरीज 3 प्रॉडक्ट के बाद सीरीज 4 को छोड़ दिया और सीधे सीरीज 5 को लॉन्च कर दिया.
17 नंबर से इटली में किया जाता है परहेज
इटली में 17 नंबर को अनलकी (Unlucky Numbers) माना जाता है. ऐसा इसलिए कि रोमन नंबर XVII को रि-अरेंज करने पर 'VIXI' शब्द भी बनता है. जिसका लैटिन भाषा में अर्थ होता है कि 'मेरी जिंदगी अब पूरी हुई.' यही वजह है कि इटली के लोग 17 नंबर यानी हर महीने आने वाली 17 तारीख को पसंद नहीं करते हैं. वे उस दिन अपनी दुकानें बंद कर देते हैं और किन्ही बुरी शक्तियों से बचने के लिए प्रार्थना करते हैं.
536 नंबर से खौफ खाते हैं लोग!
दुनिया में चीन समेत कई देशों में 536 नंबर को अनलकी (Unlucky Numbers) माना जाता है. कहा जाता है कि वर्ष 536 ईस्वी में दुनिया में भीषण आपदा आई थी. उस दौरान एक रहस्यमयी कोहरे ने यूरोप, मध्य पूर्व और एशिया के कुछ हिस्सों को 18 महीने तक दिन-रात अंधेरे में डुबो दिया था. उस साल दुनिया का तापमान 2.5 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया था. जिससे लोगों को पिछले 2,300 वर्षों में सबसे ठंड का सामना करना पड़ा. चीन में उस साल गर्मियों में स्नो फॉल हुआ और फसलें नष्ट हो गई थीं. इसके चलते दुनिया के करोड़ों लोगों को अनाज के संकट का सामना करना पड़ा था.
9 नंबर जापानियों के लिए डर का सबब
जापान में 9 नंबर को खराब (Unlucky Numbers) दृष्टि से देखा जाता है. अंग्रेजी में नाइन शब्द जापानी में बीमारी या मौत शब्द के आसपास जैसा लगता है. इसलिए जापान के लोग 9 नंबर का इस्तेमाल करने से बचने की कोशिश करते हैं. वहां पर न तो 9 नंबर की मंजिल होती है और न ही 9 नंबर की सड़कें या गाड़ियां लॉन्च की जाती हैं.
39 नंबर रखना अफगानिस्तान में अशुभ
अफगानिस्तान में 39 नंबर को अशुभ माना जाता है. वहां पर 39 नंबर का ट्रांसलेशन 'morda-gow' यानी मुर्दा गाय के रूप में लिया जाता है. वहां पर 'morda-gow' शब्द दलालों के लिए भी यूज किया जाता है. इसलिए लोग जहां तक संभव हो, 39 नंबर की सड़कें, मकान, गाड़ी या किसी भी चीज से बचने की कोशिश करते हैं.
666 नंबर को अमेरिकी मानते हैं अनलकी
अमेरिका समेत कई यूरोपीय देशों में 666 नंबर (Unlucky Numbers) से परहेज किया जाता है. इस नंबर का संबंध बाइबल से है. माना जाता है कि बाइबल में John the Apostle ने 666 नंबर पैरा को ईसा मसीह का विरोध करने वालों का वर्णन किया है.


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