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जानिए US हाइपरसोनिक म‍िसाइल सिस्‍टम के परीक्षण फेल होने से क्‍यों चिंतित हुआ

Gulabi Jagat
3 July 2022 1:56 PM GMT
जानिए US हाइपरसोनिक म‍िसाइल सिस्‍टम के परीक्षण फेल होने से क्‍यों चिंतित हुआ
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रूस, चीन की हाइपरसोनिक मिसाइलों के खतरे का सामना कर रहे अमेरिका को रक्षा क्षेत्र में एक बड़ा झटका लगा है। अमेरिका की हाइपरसोनिक मिसाइल परीक्षण में फेल हो गई है। रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने कहा कि अनियमितता आ जाने की वजह से उनका ताजा मिसाइल परीक्षण फेल हो गया है। यूक्रेन जंग के बीच अमेरिका को बहुत बड़ा झटका लगा है। इस अमेरिकी मिसाइल पर रूस और चीन की पैनी नजर थी।
हाइपरसोनिक मिसाइ पर पेंटागन ने साफ नहीं कि तस्‍वीर
अमेरिका ने जोर देकर कहा कि यह परीक्षण पूरी तरह से फेल नहीं था। पेंटागन ने यह भी साफ नहीं किया कि मिसाइल में क्‍या अनियम‍ितता हुई है। यह भी नहीं बताया गया है कि मिसाइल के किस चरण में यह दिक्‍कत उत्‍पन्‍न हुई। अलबत्‍ता पेंटागन की ओर से कहा गया है कि हाइपरसोनिक हथियार हमारे लिए शीर्ष प्राथमिकता है और रक्षा मंत्रालय को पूरा भरोसा है कि वह तय समय सीमा में हमला करने और बचाव करने के लिए हाइपरसोनिक क्षमता को हासिल करने के अपने लक्ष्‍य को हासिल कर लेगा।पेंटागन के प्रवक्‍ता ने कहा कि इस परीक्षण से मिली सूचना काफी महत्‍वपूर्ण है।
चीन, रूस की क्षमता को देखते हुए अमेरिका हुआ निराश
इस मिसाइल का परीक्षण असफल होना अमेरिका के लिए बड़ा झटका है। चीन, रूस और उत्‍तर कोरिया ने जहां हाइपरसोनिक मिसाइलों की तैनाती कर दी है, वहीं अमेरिकी सेना अभी भी इसका तोड़ नहीं ढूढ़ पाई है। रूस ने तो यूक्रेन की जंग में हाइपरसोनिक मिसाइलों का खुलकर इस्‍तेमाल भी किया है। हाइपरसोनिक मिसाइल के 5 मैक की स्‍पीड से उड़ान भरती हैं, यही वजह है कि कोई भी एयर डिफेंस सिस्‍टम इनको मात नहीं दे पाता है। यही वजह है कि इन्‍हें आधुनिक ब्रह्मास्‍त्र की संज्ञा दी जाती है।
क्‍या है हाइपरसोनिक मिसाइल
1- हाइपरसोनिक मिसाइल एक हथियार प्रणाली है जो 5 मैक की गति या इससे अधिक की गति से उड़ान भरती है यानी ध्वनि की गति से पांच गुना तेज है। हाइपरसोनिक मिसाइल की गतिशीलता इसे एक बैलिस्टिक मिसाइल से अलग करती है, क्योंकि यह बाद में बैलिस्टिक प्रक्षेपवक्र का अनुसरण करती है। इस प्रकार बैलिस्टिक मिसाइलों के विपरीत, हाइपरसोनिक मिसाइलें बैलिस्टिक प्रक्षेपवक्र का पालन नहीं करती हैं तथा उन्हें इच्छित लक्ष्य तक ले जाया जा सकता है।
2- ये मिसाइलें लक्ष्य की ओर लान्च होने से पूर्व एक पारंपरिक राकेट के माध्यम से पहले वायुमंडल में जाती हैं, जबकि हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल अपने लक्ष्य तक पहुंचने से पहले वायु की मदद से उच्च गति इंजन या स्क्रैमजेट द्वारा संचालित होती है। ये दूरी, बचाव या समय के महत्त्वपूर्ण खतरों के खिलाफ सुरक्षित, लंबी दूरी के स्ट्राइक विकल्पों में सक्षम है, जब अन्य बल अनुपलब्ध हों, पहुंच में न हों या पसंद न हों। पारंपरिक हाइपरसोनिक हथियार केवल गतिज ऊर्जा यानी गति से प्राप्त ऊर्जा का उपयोग कठिन लक्ष्यों या भूमिगत लक्ष्यों को नष्ट करने हेतु करते हैं।
3- गति और उड़ान की कम ऊंचाई के कारण प्रायः हाइपरसोनिक मिसाइलों का पता लगाना काफी चुनौतीपूर्ण होता है। जमीन आधारित रडार या स्थलीय रडार हाइपरसोनिक मिसाइलों का पता तब तक नहीं लगा पाते हैं, जब तक कि मिसाइल काफी नजदीक नहीं पहुंच जाती। इस विलंब के कारण प्रायः मिसाइल हमले के उत्तरदाताओं के लिए अपने विकल्पों का आकलन करना और मिसाइल को रोकने का प्रयास करना मुश्किल हो जाता है। अमेरिका, रूस और चीन हाइपरसोनिक मिसाइल कार्यक्रमों के उन्नत चरण में हैं। वहीं भारत, फ्रास, जर्मनी, जापान तथा आस्ट्रेलिया भी हाइपरसोनिक हथियार विकसित कर रहे हैं।
Gulabi Jagat

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