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चूंकि अब भारत द्वारा आत्मनिर्भरता पर अधिक जोर दिया जा रहा है। लिहाजा आयुध आयात में भी निरंतर कमी देखी जाने लगी है।
चीन के लिए यह खबर निराश करने वाली हो सकती है। अमेरिका में हुए एक अध्ययन से यह जानकारी सामने आई है कि चीन की कंपनियों के प्रति कम होते विश्वास का असर उसके हथियार कारोबार पर भी दिखने लगा है। दुनियाभर में चीन की कंपनियों के प्रति पहले ही विश्वास उठ चुका है। ऐसे में सवाल उठता है कि दुनिया में हथियार बेचने वाले प्रमुख देश कौन से हैं। इस मामलें में भारत की क्या स्थिति है। आइए जानते हैं कि भारत ने इस दिशा में क्या प्रगति की है। इसके साथ यह भी जानेंगे कि हथियारों के क्षेत्र में दुनिया के शीर्ष पांच देश कौन है। आखिर हथियारों के मामले में चीन की विश्वसनियता क्यों कम हुई है?
1- प्रो अभिषेक सिंह का कहना है कि आज हमारे देश की अनेक सरकारी कंपनियां विश्व स्तर के हथियार बना रही हैं। भारत विश्व के कई देशों को रक्षा सामग्री निर्यात कर रहा है। अभी हाल में ही सरकार ने कुल 156 रक्षा उपकरणों के निर्यात की मंजूरी दी है, ताकि मित्र देशों में भारतीय हथियारों के निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके। इसमें आकाश, ब्रह्मोस तथा नाग जैसे प्रक्षेपास्त्रों के निर्यात करने का भी फैसला सम्मिलित है।
2- उन्होंने कहा कि स्टाकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिप्री) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार भारत सऊदी अरब के बाद दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक देश है। वहीं 2016-2020 के दौरान वैश्विक हथियारों के निर्यात में भारत की हिस्सेदारी महज 0.2 फीसद रही है। इस प्रकार यह 24वां सबसे बड़ा हथियार निर्यातक देश है। चूंकि अब भारत द्वारा आत्मनिर्भरता पर अधिक जोर दिया जा रहा है। लिहाजा आयुध आयात में भी निरंतर कमी देखी जाने लगी है।
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