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जानिए भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला कैसे बनीं Space की 'वंडर वुमन'

Gulabi
15 Sep 2021 5:32 PM GMT
जानिए भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला कैसे बनीं Space की वंडर वुमन
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कल्पना चावला की शुरुआती शिक्षा करनाल के टैगोर बाल निकेतन सीनियर सेकेंडरी स्कूल से हुई थी

Kalpana Chawla Biography In Hindi: भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला न केवल दुनिया भर की महिलाओं के लिए बल्कि अंतरिक्ष यात्री बनने की इच्छा रखने वाले सभी लोगों के लिए एक आदर्श हैं। वह एक बार नहीं बल्कि दो बार अंतरिक्ष में जाने वाली भारत में जन्मी पहली महिला थीं। कल्पना अपने परिवार में चार भाई-बहनो मे सबसे छोटी थीं। उनके पिता का नाम बनारसी लाल चावला और माता का नाम संजयोती है। कल्पना चावला की शुरुआती शिक्षा करनाल के टैगोर बाल निकेतन सीनियर सेकेंडरी स्कूल से हुई थी।

दो बार अंतरिक्ष यात्रा करने वाली पहली भारतीय महिला
17 मार्च, 1962 को कल्पना चावला का जन्म करनाल में हुआ था। अपनी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प के बल पर ही कल्पना चावला दो बार अंतरिक्ष यात्रा करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। एक छोटे से शहर में पली-बढ़ी कल्पना चावला मजबूत स्वभाव की थीं, कोई ऐसी चीज नहीं थी जो उन्हें डराती सकती थी। कल्पना की शादी 1983 में उड़ान प्रशिक्षक जीन पिएर्र हैरिसन से हुई थी।
ऐसी थी कल्पना चावला की लाइफ जर्नी (Life Journey of Kalpana Chawla)
कल्पना चावला ने 1982 में चंडीगढ़ के पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की।
एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद कल्पना चावला अमेरिका चली गईं और 1982 में टेक्सास यूनिवर्सिटी में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीजी कोर्स के लिए एडमिशन लिया। 1984 में उन्होंने यह कोर्स भी पूरा कर लिया।
कल्पना चावला ने 1986 में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में दूसरा पीजी कोर्स भी किया और उसके बाद कोलराडो यूनिवर्सिटी से 1988 में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग सब्जेक्ट के साथ ही पीएचडी भी पूरा कर लिया।
कल्पना चावला ने 1988 में नासा अमेस रिसर्च सेंटर (NASA Ames Research Centre) में काम करना शुरू किया और वर्टिकल / शॉर्ट टेकऑफ और लैंडिंग कॉन्सेप्ट पर कम्प्यूटेशनल फ्लुइड डायनामिक्स (CFD) रिसर्च किया।
कल्पना चावला एक एस्ट्रोनॉट होने के साथ ही बहुत ही क्रिएटिव भी थीं उन्हें कविता, नृत्य, साइकिल चलाना और दौड़ना भी पसंद था।

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वह पहली भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री और भारत में जन्मी पहली महिला थीं जिन्होंने अंतरिक्ष की यात्रा की।
वर्ष 1991 में कल्पना चावला ने अमेरिका की नागरिकता हासिल कर ली थी।
उन्होंने 1995 में नासा एस्ट्रोनॉट कोर्प ज्वाइन किया। उन्हें 1996 में पहली अंतरिक्ष उड़ान के लिए चुना गया।
कल्पना चावला ने एक मिशन स्पेशलिस्ट और प्राइमरी रोबोटिक आर्म ऑपरेटर के रूप में पहली बार 1997 में आउटर स्पेश के लिए उड़ान भरी थी।
उन्होंने पृथ्वी की 252 कक्षाओं (orbits) में 10.4 मिलियन मील से अधिक की यात्रा की। उन्होंने कुल 372 घंटे अंतरिक्ष में बिताये थे।
वर्ष 2000 में कल्पना चावला को एसटीएस-107 के चालक दल (crew) के हिस्से के रूप में अपनी दूसरी उड़ान के लिए चुना गया था। मिशन में बार-बार देरी हुई और वह 16 जनवरी, 2003 को अंतरिक्ष में लौट आई।
उसी वर्ष 1 फरवरी को, अंतरिक्ष शटल कोलंबिया में चालक दल के सभी छह अन्य सदस्यों के साथ, दुर्भाग्यपूर्ण एसटीएस-107 मिशन पर कल्पना चावला की मृत्यु हो गई।
अपने 28वें मिशन, एसटीएस-107 को समाप्त करने के कुछ समय पहले, अंतरिक्ष यान पृथ्वी के वायुमंडल में पुन: प्रवेश करने के दौरान टेक्सास के ऊपर बिखर गया, जिससे चालक दल के सभी सात सदस्यों की मौत हो गई।


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