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दुनिया की सबसे महंगी ग्वांतानामो बे जेल एक बार फिर सुर्खियों में है।
दुनिया की सबसे महंगी ग्वांतानामो बे जेल एक बार फिर सुर्खियों में है। अमेरिकी निजाम में बदलाव के साथ अक्सर यह जेल सुर्खियों में होती है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बाद अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने जेल की औपचारिक समीक्षा शुरू कर दी है। व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को बताया कि जेल बंद करने को लेकर बाइडन प्रशासन काफी गंभीरता से विचार कर रहा है। इसमें आगे कहा गया है कि राष्ट्रपति बाइडन का लक्ष्य अपना कार्यकाल समाप्त होने के पूर्व इसे बंद करना है। राष्ट्रपति अगले कुछ हफ्तों में इस संबंध में एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। आखिर दुनिया की सबसे महंगी जेल की क्या खासियत है। अमेरिका के प्रत्येक राष्ट्रपति इस जेल को लेकर क्यों चर्चा में रहते हैं।
20 वर्ष पूर्व अस्तित्व में आई चर्चित जेल
गौरतलब है कि अमेरिका में 11 सितंबर, 2001 के आतंकवादी हमलों के बाद तत्कालीन बुश प्रशासन ने अफगानिस्तान और इराक के अलावा दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से सैकड़ों संदिग्ध आतंकवादियों को पकड़कर क्यूबा स्थित अमेरिका जेल ग्वांतानामो बे में बंद कर रखा है। वर्ष 2002 में क्यूबा स्थित अमेरिकी सैनिक अड्डे जेल में बंद कैदियों की तस्वीरें पहली बार उजागर हुई थी। इनमें कैदियों को बेड़ियों में जकड़ा हुआ था। इस जेल में अधिकतर वे कैदी हैं, जिन्हें अमेरिकी सरकार आतंकवादी नेता घोषित कर चुकी है। तस्वीरों के सामने आने के बाद दुनियाभर में इसकी कठोर निंदा हुई थी। इंटरनेशनल और रेड क्रॉस ने इन कैदियों से मानवीय व्यवहार की मांग की थी।
पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने जेल को लेकर उदासीन रहे
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में इस जेल में पांच कैदी शेष थे। ट्रंप के पद ग्रहण करने के पूर्व यह उम्मीद की जा रही थी कि इन्हें रिहा कर दिया जाएगा, लेकिन बाद यह योजना अधर में लटक गई। ट्रंप ने इस जेल को बंद करने की कोई इच्छा नहीं व्यक्त की थी। अभी भी सैन्य आयोग के समक्ष सात कैदियों के मामले लंबित हैं। इसमें पांच आरोपी 11 हमलों के योजना के लिए दोषी हैं। इसके अतिरिक्त दो कैदी हैं जिन्हें सैन्य आयोग ने दोषी ठहराया गया है। तीन को 2002 के बाली बम विस्फोट के संभावित अभियोजन का सामना करना पड़ा था।
ओबामा ने जेल को बंद करने का लिया था संकल्प
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ग्वांतानामो बे जेल को दुनिया का सबसे महंगी जेल करार दिया था। राष्ट्रपति ग्रहण करने के बाद उन्होंने इसे बंद करने की इच्छा व्यक्त की थी। ओबामा ने अपने कार्यकाल में कहा था कि वह इस जेल को बंद करने का प्रस्ताव कांग्रेस में रखेंगे। पूर्व राष्ट्रपति ने कहा था कि यदि कांग्रेस ने इसे मंजूरी नहीं दी तो वह अपने वीटो पॉवर का इस्तेमाल करेंगे। हालांकि, उनका यह संकल्प अधूरा ही रहा। उनके कार्यकाल में जेल नहीं बंद हो सकी।
हर कैदी पर सलाना 5.6 करोड़ रुपये खर्च
यह जेल दुनिया की सबसे महंगी जेल है। एक रिपोर्ट के मुताबिक यहां हर कैदी पर सलाना 9 लाख डॉलर यानी 5.6 करोड़ रुपये खर्च किए जाते हैं। इसके अलावा पेंटागन इसके रखरखाव पर हर साल लगभग 9 अरब रुपये से ज्यादा खर्च करता है। ऐसे में यदि बाइडन इस जेल को बंद करने का फैसला लेते हैं तो अमेरिका के लिए यह फायदे का सौदा हो सकता है। इसका पहला लाभ यह मिलेगा कि उसे मानवाधिकार के उल्लंघन के आरोपों से मुक्ति मिल जाएगी। यहां कैदियों का काफी यातनाएं दी जाती हैं। दूसरे यहां कैदी काफी लंबे समय से बंद हैं। इसके अलावा कोरोना महामारी के चलते अमेरिकी अर्थव्यस्था को पटरी पर लाया जा सकेगा।
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Gulabi
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