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सैनिकों की कीमती जान बचाएगा
तेल अवीव: इजरायल ने पहली बार दुनिया के सामने अपने कॉम्बैट रोबोट REX MKII को प्रदर्शित किया है। यह रोबोट दूर बैठे सैनिकों के कमांड पर इजरायली सीमा पर गश्त लगाएगा। इतना ही नहीं, इसमें लगे दो-दो मशीनगन बस एक कमांड पर घुसपैठियों के ऊपर गोलियों की बारिश कर सकते हैं। यह कॉम्बैट रोबोट युद्धग्रस्त क्षेत्र या हिंसा प्रभावित इलाके में भी गश्त लगा सकता है। माना जा रहा है कि इजरायल के इस नए हथियार से गाजा में सक्रिय हमास के लड़ाकों को काफी नुकसान पहुंच सकता है।
सैनिकों की कीमती जान बचाएगा यह रोबोट
REX MKII कॉम्बैट रोबोट को इजरायली कंपनी इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज के आरईएक्स एमकेआईआई ने विकसित किया है। लोड शहर में चार पहियों वाले इस ड्राइव रोबोट की लॉन्चिंग के दौरान कंपनी ने कहा कि इससे युद्ध क्षेत्र में सैनिकों की कीमती जान को बचाया जा सकता है। वहीं, इसके आलोचकों का कहना है कि यह जीवन या मौत का निर्णय लेने वाले मशीनों की ओर एक और खतरनाक कदम है।
कितना खतरनाक है REX MKII
कंपनी के ऑटोनॉमस सिस्टम डिवीजन की डिप्टी हेड रानी अवनी ने कहा कि इस रोबोट वीइकल को एक इलेक्ट्रॉनिक टैबलेट के जरिए कंट्रोल किया जा सकता है। इसमें दो मशीनगन, कैमरे और सेंसर लगे हुए हैं। यह रोबोट जमीनी सैनिकों के लिए खुफिया जानकारी इकट्ठा कर सकता है औक घायल सैनिकों को युद्ध के मैदान से ले जा सकता है। इतना ही नहीं, यह रोबोट युद्धग्रस्त क्षेत्र में सैनिकों को हथियार और खाने-पीने की सप्लाई और आसपास के लक्ष्यों पर हमला भी कर सकता है।
यह अब तक का सबसे उन्नत रोबोट वीकल
बताया जा रहा है कि पिछले 15 साल में एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज की सहायक कंपनी, ELTA सिस्टम्स में बनाए गए दर्जन से अधिक मानव रहित वाहनों में यह सबसे उन्नत है। इजरायली सेना वर्तमान में गाजा पट्टी के साथ सीमा पर गश्त करने के लिए जगुआर नामक एक छोटी गाड़ी का इस्तेमाल कर रही है। यह गाड़ी 2007 में फिलिस्तीनी क्षेत्र से हड़पे गए जमीन के एक टुकड़े पर इजरायल के कब्जे को बरकरार रखने में मददगार साबित हो रही है।
इजरायल ने बॉर्डरों पर रोबोट स्नाइपर तैनात किए
इजरायल ने अपनी सीमा पर रोबोट स्नाइपर हथियारों को तैनात किया हुआ है। गाजा पट्टी से हमास के लड़ाके अक्सर विस्फोटकों से भरे बैलून को इजरायल की तरफ उड़ाते रहते हैं। यह रोबोटिक स्नाइपर ऐसे बैलूनों को पलक झपकते मारकर गिरा सकता है। हालांकि, इन हथियारों की तैनाती को लेकर इजरायल को कई मानवाधिकार संगठनों के विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है। हाल के कुछ साल में इजरायल ने ड्रोन और रोबोटिक टेक्नोलॉजी में बड़ा निवेश किया है। जिसकी मदद से उसने कई ऐसे हथियार बनाए हैं जो दुनिया में किसी और देश के पास नहीं हैं।
दुनियाभर में रोबोटिक हथियारों की बढ़ी डिमांड
इजरायल के हेरोप सुसाइड ड्रोन, रॉबेल व्हील बैटलफील्ड रोबोट और ऑटोमेटिक बॉर्डर कंट्रोल मशीनगन ने इजरायल की सुरक्षा को कई गुना बढ़ाया है। यही कारण है कि स्थापना के बाद से अरब देशों के कई हमले झेल चुके इजरायल पर अब कोई भी देश आक्रमण करने की सोचता भी नहीं है। वर्तमान समय में पूरी दुनिया में हथियारों को उन्नत और ऑटोमेटिक बनाने को लेकर तरह तरह की तकनीकों का विकास किया जा रहा है। हर देश चाहता है कि युद्ध के दौरान उसकी सेना के जवान कम से कम घायल हों या मारे जाएं। यही कारण है कि रोबोटिक हथियार और ड्रोन्स की मांग तेजी से बढ़ रही है।
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