विश्व
ईरान फिर से परमाणु स्थल पर आइएईए के निगरानी कैमरे लगवाने को तैयार
Renuka Sahu
16 Dec 2021 1:16 AM GMT
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फाइल फोटो
संयुक्त राष्ट्र के अंतर्गत कार्य करने वाली अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी परमाणु ठिकानों की निगरानी के मसले पर ईरान के साथ समझौते पर पहुंच गई है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। संयुक्त राष्ट्र (United Nation) के अंतर्गत कार्य करने वाली अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आइएईए) परमाणु ठिकानों की निगरानी के मसले पर ईरान के साथ समझौते पर पहुंच गई है। ईरान अपने परमाणु ठिकानों पर आइएईए के कैमरे फिर से लगवाने के लिए तैयार हो गया है। ये कैमरे 2015 में ईरान के अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के साथ हुए परमाणु समझौते के बाद लगाए गए थे।
उल्लेखनीय है कि 2018 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समझौते से हट जाने और ईरान पर प्रतिबंध लगा देने के बाद यह समझौता निष्प्रभावी हो गया। उसके बाद ईरान ने परमाणु हथियार बनाने में प्रयुक्त होने वाले यूरेनियम का शोधन स्तर बढ़ाने की घोषणा करते हुए परमाणु ठिकानों पर लगे आइएईए के कैमरे हटा दिए थे। इनमें से एक कैमरा नष्ट भी कर दिया था। वहीं अब अमेरिका में सत्ता परिवर्तन होने के साथ परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के लिए वार्ता चल रही है, तब ईरान आइएईए के कैमरे फिर से लगवाने के लिए तैयार हो गया है। आइएईए के प्रमुख राफेल ग्रोसी ने उम्मीद जताई है कि परमाणु समझौते को लेकर सारी बाधाएं जल्द ही खत्म हो जाएंगी।
ईरान संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था को उस स्थान पर क्षतिग्रस्त कैमरों को फिर से स्थापित करने की अनुमति देगा जहां उसके पास सेंट्रिफ्यूग (अपकेंद्रन यंत्र) के पुर्जे और निर्माण सामग्री है। अर्ध-सरकारी ईरानी समाचार एजेंसियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। इस फैसले के तहत करज में फिर से कैमरे लगाए जाएंगे, जहां के बारे में ईरान ने दावा किया था कि इस जगह पर जून में तोड़-फोड़ की गई थी। तब से ईरान ने घटना में क्षतिग्रस्त कैमरों को बदलने के लिए अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) को पहुंच देने से इनकार कर दिया था।
अर्ध-सरकारी आईएसएनए और तसनीम समाचार एजेंसियों की खबरों पर वियना स्थित आइएईए ने तुरंत कोई जवाब नहीं दिया है। हालांकि, खबरों में कहा गया है कि ईरान कैमरों की सभी रिकॉर्डिंग अपने पास रखेगा जो एजेंसी और तेहरान के बीच चल रहे एक अन्य विवाद का हिस्सा है। मंगलवार को एक साक्षात्कार में, आईएईए के महानिदेशक राफेल मारियानो ग्रॉसी ने करज तक सीमित पहुंच से ईरान के कार्यक्रम की निगरानी के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को नुकसान पहुंचने को लेकर आगाह किया था।
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