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जनता से रिश्ता वेबडेस्क | भारतीय अमेरिकी समलैंगिक समुदाय के सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भारत में समलैंगिक समुदाय को समान अधिकार देने का आग्रह किया है। पीएम मोदी इस महीने राष्ट्रपति जो बाइडन और अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडन के निमंत्रण पर अमेरिका की अपनी पहली राजकीय यात्रा पर जाएंगे।
पीएम मोदी अपने चार दिवसीय दौरे की शुरूआत 21 जून से करेंगे और अमेरिकी राष्ट्रपति और उनकी पत्नी 22 जून को राजकीय रात्रिभोज के लिए पीएम मोदी की मेजबानी करेंगे।
देसी रेनबो की कार्यकारी निदेशक अरुणा राव ने कहा- 'मैं कहना चाहती हूं कि भारतीय सर्वोच्च न्यायालय में पिछले कुछ महीनों से समलैंगिक विवाह के मुद्दों पर बहस हो रही है। मैं पीएम मोदी से अनुरोध करती हूं कि वह इसका समर्थन करें। मैं उनसे भारत में समलैंगिक समुदाय के समान अधिकारों का समर्थन करने का अनुरोध करती हूं। हम भी इंसान हैं और हमारे बच्चों और समलैंगिक समुदाय के सदस्यों के भी समान अधिकार हैं।'
देसी रेनबो की कार्यकारी निदेशक अरुणा राव ने कहा- 'मैं कहना चाहती हूं कि भारतीय सर्वोच्च न्यायालय में पिछले कुछ महीनों से समलैंगिक विवाह के मुद्दों पर बहस हो रही है। मैं पीएम मोदी से अनुरोध करती हूं कि वह इसका समर्थन करें। मैं उनसे भारत में समलैंगिक समुदाय के समान अधिकारों का समर्थन करने का अनुरोध करती हूं। हम भी इंसान हैं और हमारे बच्चों और समलैंगिक समुदाय के सदस्यों के भी समान अधिकार हैं।'
राव उन भारतीय अमेरिकियों में से एक हैं, जिन्हें व्हाइट हाउस के साउथ लॉन में ऐतिहासिक प्राइड रैली में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था। उन्होंने कहा कि भारत में मेट्रो क्षेत्रों के कुछ लोग समलैंगिक समुदाय का समर्थन करते हैं। विधायी रूप से भी सरकार समलैंगिकों के अधिकारों के मामले में आगे बढ़ रही है, लेकिन अभी बहुत कुछ करना है। मेट्रो इलाकों में नहीं पर छोटे शहरों और गांवों में जहां लोग इसका समर्थन नहीं करते हैं।
व्हाइट हाउस प्राइड रैली में एक अन्य भारतीय-अमेरिकी लेस्ली किंग्स्टन ने उम्मीद जताई कि इस महीने के अंत में राष्ट्रपति बिडेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच अच्छी मुलाकात होगी।
उन्होंने कहा कि उम्मीद करती हूं कि मोदी और बिडेन की द्विपक्षीय बैठक दोनों देशों के बीच के संबंध को और मजबूत करेगा। लेकिन मुझे उम्मीद है कि पीएम मोदी वास्तव में यहां दक्षिण एशियाई और भारतीय समुदाय को जानने के लिए यहां कुछ समय बिताएंगे। जिससे उन्हें मालूम चले कि हम यहां कैसे प्रगति के लिए प्रयास कर रहे हैं और भारत में उसी तरह की चीजों को लागू करने और समलैंगिक समुदाय के लोगों को अधिकार देने में सक्षम हो।
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