जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना वायरस ने दुनिया के तमाम मुल्कों में कहर बरपा रखा है। अर्जेंटिना से लेकर जिम्बाब्वे और वेटिकन से लेकर व्हाइट हाउस तक सभी जगहों पर कोरोना का खौफ देखा जा रहा है। दुनिया के ताकतवर देश भी इस महामारी के आगे विवश नजर आ रहे हैं। महामारी ने लगभग हर महाद्वीपों और देशों में अपना भयानक चेहरा दिखाया है। हालांकि अभी भी दुनिया के कुछ हिस्से ऐसे हैं जहां इस वायरस के संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है।
इनमें से कुछ देश तो संक्रमण से बचे हुए हैं लेकिन माना जा रहा है कि कुछ देश ऐसे भी हैं कि वो महामारी फैलने की सच्चाई छिपा रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण प्रशांत महासागर के कुछ द्वीप हैं जहां कथित तौर पर कोरोना महामारी फैलने के मामले सामने नहीं आए हैं। इन मुल्कों में टोंगा, किराबाती, सामोआ, माइक्रोनेशिया और तुवालु छोटे द्वीपीय देश हैं। इन मुल्कों में अभी तक संक्रमण का एक भी केस दर्ज नहीं किया गया है।
टोंगा के चेंबर ऑफ कॉमर्स और इंडस्ट्री के अध्यक्ष पाउला टाउमोइपियाउ की मानें तो उनका मुल्क मार्च महीने से ही क्रूज जहाजों को तट से दूर रोक रहा है। यही नहीं देश में महामारी घुसपैठ नहीं कर पाए इसके लिए हवाई अड्डों को बंद कर दिया गया है। एक लाख की आबादी वाले टोंगा में एहतियात का आलम यह है कि कोई भी मामला नहीं आने के बावजूद बीते दिनों सरकार ने यहां लॉकडॉउन घोषित कर दिया था। यही नहीं विदेशों से आने वालों जांच रिर्पोट निगेटिव आने के बाद ही उन्हें वापस आने दिया जा रहा है।
टोंगा के अलावा निर्जन अंटार्कटिक महाद्वीप पर भी कोरोना का एक भी मामला सामने नहीं आया है। दुनिया में यह एक मात्र कोरोना वायरस से मुक्त महाद्वीप है। मालूम हो कि अंटार्कटिक महाद्वीप में केवल विभिन्न देशों के अनुसंधानकर्ता और वैज्ञानिक ही आते हैं लेकिन कोरोना संकट के चलते देशों ने इनकी संख्या कम कर दी है। इनके अलावा एकांतप्रिय और दुनिया से कटकर रहने वाले उत्तर कोरिया भी कोरोना महामारी से बचा हुआ है।
अब तक उत्तर कोरिया में आधिकारिक रूप से कोरोना का एक भी मामला सामने नहीं आया है। उत्तर कोरिया की कुल आबादी ढाई करोड़ है। हालांकि रिपोर्ट में यह भी आशंका जताई गई है कि तानाशाह किम जोंग उन ने कोरोना के आंकड़ों को दुनिया से छिपाया है। उत्तर कोरिया का कहना है कि उसने सीमा पर यातायात रोककर, पर्यटकों के आने पर पाबंदी लगाकर और नागरिकों की स्वास्थ्य जांच की मुहिम चलाकर कोरोना पर विजय पाई है।
हालांकि सितंबर महीने में एक रिपोर्ट आई थी जिसमें कहा गया था कि उत्तर कोरिया ने समुद्री सीमा में आ रहे एक दक्षिण कोरियाई अधिकारी को गोली मार दी थी और उसे मौके पर ही जला दिया था। उत्तर कोरिया की तरह तुर्कमेनिस्तान ने भी दावा किया है कि उसके यहां कोरोना का कोई मामला सामने नहीं आया है। करीब 60 लाख आबादी वाले इस मध्य एशियाई देश प्रशासन अधिनायकवाद पर काम करता है। तुर्कमेनिस्तान की सरकार पर भी मामलों को छिपाने के आरोप लगे हैं लेकिन उसने आरोपों का खंडन किया है।