विश्व
यूक्रेन पर रूस ने हमला किया तो कतर से मिलेगी ताकत, अमेरिका ने बनाया बड़ा प्लान
Renuka Sahu
1 Feb 2022 1:35 AM GMT
x
फाइल फोटो
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सोमवार को कहा कि वह कतर को संयुक्त राज्य के 'प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी' के रूप में नामित करेंगे, एक ऐसा पदनाम जो खाड़ी राष्ट्र कतर में अधिक सुरक्षा सहयोग और निवेश का रास्ता साफ करेगा। बा
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सोमवार को कहा कि वह कतर को संयुक्त राज्य के 'प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी' के रूप में नामित करेंगे, एक ऐसा पदनाम जो खाड़ी राष्ट्र कतर में अधिक सुरक्षा सहयोग और निवेश का रास्ता साफ करेगा। बाइडेन और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल के बीच यह मुलाकात ऐसे समय में हो रही है, जब इस बात की आशंका जताई जा रही है कि यदि रूस यूक्रेन पर हमला करता है, तो यूरोप में बिजली आपूर्ति बाधित हो सकती है। इस समस्या से निपटने के लिए अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगी यूरोप की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आकस्मिक योजनाएं बना रहे हैं।
सोमवार को व्हाइट हाऊस में कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल से मुलाकात के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने द्विपक्षीय संबंधों के महत्व और सक्षम भागीदार के रूप में कतर को एक प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी के रूप में नामित करने का निर्णय लिया है। बाइडेन ने सोमवार को इसकी घोषणा की।
कतर के नेता के साथ एक संयुक्त प्रेस मीट के दौरान बाइडेन ने कहा, "पिछले साल कतर के साथ हमारी साझेदारी हमारे कई सबसे महत्वपूर्ण हितों के लिए केंद्रीय रही है। जिसमें हजारों अफगानों को स्थानांतरित करना, गाजा में स्थिरता बनाए रखना, फिलीस्तीनियों को जीवन रक्षक सहायता प्रदान करना, आईएसआईए पर दबाव बनाए रखना और पूरे मध्य पूर्व में खतरों से बचना इसमें शामिल रहा है।
बाइडेन ने ये भी संकेत दिया कि अमेरिका और कतर के वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति की स्थिरता सुनिश्चित करने में साझा हित छिपे हैं, क्योंकि अगर रूस के साथ संघर्ष छिड़ता है, तो यूरोप को रूसी गैस की आपूर्ति खतरे में पड़ जाएगी, ऐसे में प्राकृतिक गैस की आपूर्ति के लिए कतर पर निर्भर रहा जा सकेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ने दोनों देशों के बीच वाणिज्यिक और निवेश संबंधों के बारे में भी बात की।
गैस की आपूर्ति में संकट को ऐसे समझिए
यूरोप को जितने प्राकृतिक गैस की ज़रूरत पड़ती है, उसका तकरीबन एक तिहाई रूस सप्लाई करता है। लेकिन रूस ने अब गैस की आपूर्ति में बड़ी कटौती कर दी है। 15 जनवरी तक यूरोपीय देश क्रेमलिन पर 'गैस वॉर' शुरू करने का आरोप सीधे तौर पर लगाने से बचते दिख रहे थे, लेकिन जैसे ही यूक्रेन को लेकर व्लादिमीर पुतिन के इरादे सामने आने लगे, पश्चिमी देशों ने यूरोप के ऊर्जा संकट के लिए रूस को सीधे जिम्मेदार ठहराना शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि अमेरिका पाकिस्तान सहित 18 देशों को एक प्रमुख गैर नाटो सहयोगी के रूप में नामित कर चुका है।
Renuka Sahu
Next Story