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यह एकमात्र FDA द्वारा प्रमाणित चेचक और मंकीपॉक्स वैक्सीन है.
कोरोना महामारी से जूझ रही पूरी दुनिया पर मंकीपॉक्स वायरस एक नए स्वास्थ्य संकट की तरह मंडराने लगा है. मंकीपॉक्स वायरस के 12 से अधिक देशों में लगभग 100 पुष्ट मामले सामने आ चुके हैं, शुक्र है कि अभी तक इससे एक भी मौत नहीं हुई है. ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, पुर्तगाल, स्पेन, स्वीडन, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका से मामले सामने आए हैं. बेल्जियम तो मंकीपॉक्स के मरीजों के लिए क्वारंटीन अनिवार्य करने वाला पहला देश बन गया है.
चेचक की तुलना में मंकीपॉक्स कितना घातक?
बेल्जियम के मीडिया के हवाले से सऊदी गजट ने बताया कि बेल्जियम के स्वास्थ्य अधिकारियों ने शुक्रवार को यह फैसला लिया. मंकीपॉक्स, चेचक की तरह ही एक बीमारी है. संक्रमित होने पर मरीज के शरीर पर दाने उभर आते हैं. साथ ही बुखार, मांसपेशियों में दर्द और सिरदर्द जैसे लक्षण भी शामिल हैं. 4 प्रतिशत से कम मृत्यु दर के साथ चेचक की तुलना में मंकीपॉक्स कम घातक है. लेकिन विशेषज्ञ अफ्रीका से इतरह बीमारी के असामान्य प्रसार को लेकर चिंतित हैं. अफ्रीका में यह आमतौर पर फैलता है.
बेल्जियम में सामने आए चार मामले
शनिवार को बेल्जियम में COVID-19 के लिए राष्ट्रीय संदर्भ प्रयोगशाला के प्रभारी माइक्रोबायोलॉजिस्ट इमैनुएल आंद्रे ने ट्विटर पर कहा कि देश में चौथे मामले की पुष्टि हुई है. इस बीच, शनिवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि 12 अलग-अलग देशों में मंकीपॉक्स के कुल 92 पुष्ट मामले थे, जिनमें 28 संदिग्ध मामलों की जांच चल रही थी. ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी के अनुसार, हाल ही में नाइजीरिया से यात्रा करने वाले एक मरीज में 7 मई को इंग्लैंड में मंकीपॉक्स के एक मामले की पुष्टि हुई है.
मंकीपॉक्स के लक्षण
शरीर पर दाने, चकत्ते, बुखार और लिम्फ नोड्स में सूजन. मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक के समान होते हैं. डब्ल्यूएचओ के अनुसार मंकीपॉक्स, चेचक की तुलना में कम संक्रामक है. साथ ही यह गंभीर बीमारी नहीं है. मंकीपॉक्स के प्रकोप ने वैज्ञानिकों के समुदाय को आश्चर्यचकित कर दिया है क्योंकि अफ्रीका के बाहर ऐसा प्रकोप बहुत कम होता है.
मंकीपॉक्स क्या है?
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, मंकीपॉक्स एक वायरल ज़ूनोसिस है. एक बीमारी जो जानवरों से मनुष्यों में प्रसारित होने वाले वायरस के कारण होती है. इसमें चेचक के रोगियों के समान लक्षण होते हैं, लेकिन यह आमतौर पर चिकित्सकीय रूप से कम गंभीर होता है. 'मंकीपॉक्स' नाम की उत्पत्ति 1958 में डेनिश प्रयोगशाला में बंदरों में वायरस की प्रारंभिक खोज से हुई है. 1970 में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में एक बच्चे में पहले मानव मामले की पहचान की गई थी.
चेचक का टीका काम कर सकता है
चेचक के इलाज के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले टीकों ने मंकीपॉक्स से भी सुरक्षा प्रदान की है. डेनमार्क स्थित बायोटेक्नोलॉजी कंपनी बवेरियन नॉर्डिक के पास मंकीपॉक्स वायरस और चेचक दोनों के लिए स्वीकृत जीनोस नामक एक टीका है. 2015 में, रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) और खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने दुर्लभ वायरस के टीके के रूप में जीनियोस के उपयोग को मंजूरी दी है. यह एकमात्र FDA द्वारा प्रमाणित चेचक और मंकीपॉक्स वैक्सीन है.
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