विश्व

सेल्‍फी लेना पड़ा भारी, टूरिस्‍ट का हुआ ये हाल

jantaserishta.com
14 July 2022 9:44 AM GMT
सेल्‍फी लेना पड़ा भारी, टूरिस्‍ट का हुआ ये हाल
x

न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्‍ली: इटली के माउंट वेसुवियस ज्वालामुखी के टॉप पर पहुंचकर एक टूरिस्‍ट सेल्‍फी लेना चाह रहा था. लेकिन सेल्‍फी लेने के चक्‍कर में वह इस ज्‍वालामुखी के अंदर धड़ाम से गिर पड़ा. गनीमत यह रही कि वह इस हादसे में बच गया. यह ज्‍वालामुखी इटली के कैंपानिया में मौजूद है.

फिलिप पैरोल बाल्‍टीमोर (अमेरिका) के रहने वाले हैं. वीकेंड में वो इटली में मौजूद इस ज्‍वालामुखी को देखने के लिए अपने परिजनों के साथ गए थे.
इस घटना के बारे में एनबीसी न्‍यूज से बात करते हुए स्‍थानीय गाइड्स के एक संगठन के अध्‍यक्ष पाओलो कैप्‍पेली ने बताया कि यह परिवार ज्‍वालामुखी के प्रतिबंधित रास्‍ते से टॉप पर पहुंच गया था.
जहां से परिवार ज्‍वालामुखी के ऊपर पहुंचा, वहां 'न जाने' का साइन बोर्ड भी लगा था. कई अन्‍य मीडिया रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि इस परिवार ने यात्रा प्रतिबंधों को नजरंदाज कर दिया.
परिवार 4 हजार फीट से ज्‍यादा की ऊंचाई के ज्‍वालामुखी के टॉप पर पहुंच गया. तभी फिलिप कैरोल ने एक सेल्‍फी लेने की कोशिश की. लेकिन उनका फोन फिसलकर क्रेटर (ज्‍वालामुखी का मुख) के अंदर चला गया.
इसके बाद फिलिप ने फोन को निकालने की कोशिश की, लेकिन वो खुद भी क्रेटर में गिर गए. पाओलो कैप्‍पेली ने बताया कि वह (फिलिप) लकी रहा, अगर वह फंसता नहीं तो 300 मीटर नीचे जाकर क्रेटर में रुकता. इटली में मौजूद इस ज्‍वालामुखी का व्‍यास 450 मीटर है और गहराई 300 मीटर है.
फिलिप की पीठ पर चोट के कई निशान आए हैं. जब यह हादसा हुआ तो वहां मौजूद गाइडों ने यह घटना दूसरी तरफ से देखी. इसके बाद वह फिलिप की मदद करने के लिए भागे. फिलिप को इस मामले में स्‍थानीय पुलिस ने हिरासत में लिया. फिलिप को किन आरोपों का सामना करना पड़ेगा, यह स्‍पष्‍ट नहीं है.
वहीं, इस हादसे का वीडियो भी इंस्‍टाग्राम पर शेयर किया गया, जिसमें कोई शख्‍स यह कहता हुआ दिख रहा है कि वो ज्‍वालमुखी के टॉप पर हैं. संभवत: ये फिलिप का भाई था. इस मामले में NBC News ने फिलिप के परिवार से भी बाचतीत करने की कोशिश की, लेकिन संपर्क नहीं हो सका.
इस घटना की फोटो टूरिज्‍म अधिकारी जेनारो लमेटा ने भी फेसबुक पर शेयर किए. वैसे यह ज्वालामुखी 1944 से निष्क्रिय है और इसमें अंतिम बड़ा विस्फोट 1631 में हुआ था.
Next Story