x
दुनियाभर में कई ऐसे मुल्क हैं, जहां एक बड़ी आबादी भूख (Hunger) से परेशान रहती है
दुनियाभर में कई ऐसे मुल्क हैं, जहां एक बड़ी आबादी भूख (Hunger) से परेशान रहती है. दूसरी ओर ऐसे भी लोग हैं, जो अन्न को बर्बाद कर देते हैं. ऐसे में संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की एक रिपोर्ट सामने आई है, जो खाना बर्बाद (Food Waste) करने वाले लोगों के लिए आंखें खोलने वाली है. दरअसल, संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2019 में एक अनुमान के मुताबिक दुनियाभर में 93 करोड़ 10 लाख टन खाना बर्बाद हुआ. इसमें भारत में घरों में बर्बाद हुए भोजन की मात्रा छह करोड़ 87 लाख टन है.
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) और साझेदार संगठन WRAP की ओर से जारी खाद्यान बर्बादी सूचकांक रिपोर्ट 2021 में कहा गया है कि 2019 में 93 करोड़ 10 लाख टन खाना बर्बाद हुआ, जिसमें से 61 प्रतिशत खाना घरों से , 26 प्रतिशत फूड सर्विस और 13 प्रतिशत खुदरा क्षेत्र से बर्बाद हुआ. रिपोर्ट में कहा गया कि यह इशारा करता है कि कुल वैश्विक खाद्य उत्पादन का 17 प्रतिशत भाग बर्बाद हुआ होगा. एजेंसी ने कहा कि, इसकी मात्रा 40 टन क्षमता वाले दो करोड़ 30 लाख पूरी तरह से भरे ट्रकों के बराबर होने का अनुमान है. बता दें कि हर साल 90 लाख लोगों की भुखमरी से मौत हो जाती है.
कितना खाना बर्बाद करते हैं भारत, चीन और अमेरिका के नागरिक?
भारत में घरों में बर्बाद होने वाले खाद्य पदार्थ की मात्रा प्रति वर्ष प्रति व्यक्ति 50 किलोग्राम होने का अनुमान है. इसी प्रकार अमेरिका में घरों में बर्बाद होने वाले खाद्य पदार्थ की मात्रा प्रति वर्ष प्रति व्यक्ति 59 किलोग्राम अथवा एक वर्ष में 19,359,951 टन है. चीन में यह मात्रा प्रति वर्ष प्रति व्यक्ति 64 किलोग्राम अथवा एक वर्ष में 91,646,213 टन है. UNEP की कार्यकारी निदेशक इंगर एडंरसन (Inger Andersen) ने कहा, अगर हमें जलवायु परिवर्तन ,प्रकृति और जैव विविधता के क्षरण तथा प्रदूषण और बर्बादी जैसे संकटों से निपटने के लिए गंभीर होना है तो कारोबारों, सरकारों और दुनिया भर में लोगों को खाद्यान्न की बर्बादी को रोकने में अपनी भूमिका निभानी होगी.
कोरोना के चलते तीन अरब लोगों को नहीं मिल पाएगी स्वस्थ डाइट
इस रिपोर्ट में इस बात को रेखांकित किया गया है कि 2019 में 69 करोड़ लोग भूखमरी से प्रभावित थे. कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के चलते इस संख्या में बढ़ोतरी होने की आशंका है. माना जा रहा है कि महामारी के चलते तीन अरब लोग एक स्वस्थ डाइट हासिल नहीं कर पाएंगे. इस कारण उपभोक्ताओं को भोजन की बर्बादी को कम करने में सहयोग करना चाहिए. रिपोर्ट में रिटेल आउटलेट्स, रेस्तरां और घरों में बर्बाद होने वाले खाने का हिसाब रखा गया है. इसमें पता चला कि कुल उपभोग के लिए मौजूद भोजन में से 11 फीसदी घरों में बर्बाद हो जाता है.
Next Story