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तालिबान शासन के बाद खाद्य संकट गहराया, अफगानिस्तान में 10 लाख बच्चे भूख से मर सकते हैं

Renuka Sahu
13 Nov 2021 2:33 AM GMT
तालिबान शासन के बाद खाद्य संकट गहराया, अफगानिस्तान में 10 लाख बच्चे  भूख से मर सकते हैं
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फाइल फोटो 

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में लाखों की संख्या में बच्चे इस साल के अंत तक भूख से मर सकते हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में लाखों की संख्या में बच्चे इस साल के अंत तक भूख से मर सकते हैं. तालिबान शासन आने के बाद अफगानिस्तान के बदतर होते हालात पर WHO के बयान ने दुनिया ध्यान फिर से आकर्षित किया है. संगठन ने कहा है कि सर्दी के मौसम में अफगानिस्तान में तापमान कम होगा और भूख से बिलखते बच्चे जान गंवा सकते हैं.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक WHO ने कहा कि करीब 32 लाख अफगानी बच्चे साल के अंत तक विकट कुपोषण के शिकार होंगे. इनमें से करीब दस लाख बच्चों पर मौत का खतरा बुरी तरह मंडरा रहा है. संगठन की प्रवक्ता मार्गरेट हैरिस ने कहा कि देश में फैलते संकट के बीच ये एक बड़ी लड़ाई होगी. काबुल में मौजूद हैरिस ने कहा कि देश के कुछ इलाकों में रात को तापमान जीरो डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने लगा है.
हालांकि हैरिस के पास अफगानिस्तान में भूख से जान गंवा चुके बच्चों का कोई आंकड़ा नहीं है. लेकिन उन्होंने कहा कि अस्पतालों के वार्ड छोटे बच्चों से भरे हुए हैं. चेचक के मामले इस वक्त अफगानिस्तान में ऊफान पर हैं. WHO के डेटा के मुताबिक अब तक देश में 24 हजार से ज्यादा मामले आ चुके हैं.
तालिबान शासन के बाद खाद्य संकट गहराया
बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार आने के बाद से खाद्य संकट गहराता गया है. इसके मद्देनजर कुछ दिनों पहले तालिबान सरकार ने एक कार्यक्रम लॉन्च किया है. जिसके तहत लोगों को काम के बदले अनाज दिया जाएगा. तालिबान के मुताबिक ये कार्यक्रम देश के तकरीबन सभी बड़े शहरों में चलाया जा रहा है. अकेले काबुल शहर में इसके तहत 40 हजार लोगों को रोजगार मुहैया करवाने की खबरें आई थीं.
इससे पहले भी आ चुकी हैं चेतावनी वाली रिपोर्ट
इसके अलावा बीते महीने संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट कहा गया था कि अब तक करीब 1.9 करोड़ अफगान लोगों को विकट खाद्य संकट से जूझना पड़ा है. रिपोर्ट ने चेताया था कि नवंबर-दिसंबर महीने में देश की आधी से ज्यादा आबादी के सामने विकट खाद्य संकट मौजूद होगा. साथ ही देश के प्रमुख शहरों के बाहर मौजूद तालिबान लड़ाकों को खाने के लिए काफी कम खाना मिल पा रहा है. वो ट्रकों में या कहीं जमीन पर सोते हैं. उनके पास रहने के लिए कोई घर नहीं है और वो किसी भी तरह से अपनी जिंदगी को बचा रहे हैं और तालिबान के पास पैसे नहीं हैं कि वो अपने लड़ाकों की मदद कर सके.


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