विश्व स्वास्थ्य संगठन ने नाइजीरिया में मंकीपॉक्स से पहली मौत होने की पुष्टि की है। मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया के 50 देशों में अब तक मंकीपॉक्स के 3413 मामले मिले हैं। इनमें से नाइजीरिया में 41 संक्रमित हैं।
भारत के लिए राहत की बात यह है कि यहां अभी मंकीपॉक्स का एक भी मरीज नहीं है। उत्तर प्रदेश-महाराष्ट्र सहित करीब सात राज्यों से जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए सैंपल में कोई पॉजिटिव रिपोर्ट नहीं मिली है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार 17 से 22 जून के बीच आठ नए देशों में 1310 मामले सामने आए हैं।
भारत में बीते माह स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रत्येक संदिग्ध सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग कराने का आदेश दिया था। पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) की लैब में सैंपल भेजने के लिए कहा गया था। एक मई से 23 जून के बीच 16 सैंपल की जांच की गई, जिनमें एक में भी मंकीपॉक्स संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है।
दो सप्ताह में आठ सैंपल, सभी फेल
एनआईवी निदेशक डॉ. प्रिया अब्राहम ने बताया कि दो सप्ताह में आठ सैंपल आए, लेकिन सभी फेल हो गए। किसी व्यक्ति के संक्रमित होने का संदेह होने के लिए बीते 21 दिन के दौरान उनकी यात्रा विवरण होना आवश्यक है। इसके अलावा सूजन, बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द और गहरी कमजोरी जैसे लक्षण महसूस किए जा रहे हैं तो उसे तत्काल जांच करानी चाहिए।
इन देशों में सबसे ज्यादा मामले
रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन में 793, स्पेन में 520, पुर्तगाल में 317, नीदरलैंड में 167, जर्मनी में 521, फ्रांस में 277, अमेरिका में 147 और कनाडा में 210, बेल्जियम में 77, इटली में 85 और स्विट्जरलैंड में 46 मरीज अब तक मंकीपॉक्स संक्रमित मिल चुके हैं।