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नेपाल में अमेरिकी प्रोजेक्ट के खिलाफ जमकर बवाल, संसद के बाहर व‍िरोध प्रदर्शन, पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले

Renuka Sahu
21 Feb 2022 2:51 AM GMT
नेपाल में अमेरिकी प्रोजेक्ट के खिलाफ जमकर बवाल, संसद के बाहर व‍िरोध प्रदर्शन, पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले
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फाइल फोटो 

नेपाल सरकार ने विरोध के बीच रविवार को 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर की विवादास्पद मिलेनियम कॉर्पोरेशन चैलेंज परियोजना से जुड़े समझौते को संसद में मंजूरी के लिए पेश किया.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नेपाल (Nepal) सरकार ने विरोध के बीच रविवार को 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर की विवादास्पद मिलेनियम कॉर्पोरेशन चैलेंज (MCC) परियोजना से जुड़े समझौते को संसद में मंजूरी के लिए पेश किया. अमेरिका की इस परियोजना को लेकर नेपाल में जोरदार विरोध किया जा रहा है और इस मुद्दे को लेकर हिमालयी देश में राजनीतिक ध्रुवीकरण तेज हो गया है. जब सूचना, संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ज्ञानेंद्र बहादुर कार्की (Gyanendra Bahadur Karki) ने प्रतिनिधि सभा में समझौते को पेश किया, तो सत्तारूढ़ दल के कुछ सदस्यों समेत विपक्षी दलों के सांसदों द्वारा इसका कड़ा विरोध किया गया. अधिकारियों ने कहा कि संसद के बाहर कम्युनिस्ट पार्टी के छोटे गुटों और कई वाम समर्थक युवा संगठनों ने रैलियां की और अमेरिका विरोधी नारे लगाए.

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया. इस बीच कुछ विपक्षी सांसदों द्वारा समझौते के खिलाफ बोलने के बाद अध्यक्ष अग्नि सपकोटा ने सत्र स्थगित कर दिया. सूत्रों ने बताया कि सदन की अगली बैठक 24 फरवरी को होनी है. नेपाल के राजनीतिक दल एमसीसी समझौते के तहत अमेरिकी अनुदान सहायता को स्वीकार करने को लेकर विभाजित हो गए हैं. यह समझौता प्रतिनिधि सभा में विचाराधीन है.
वामपंथी राजनीतिक दल ने किया समझाैते का व‍िरोध
नेपाल के वामपंथी राजनीतिक दल इस समझौते का विरोध करते हुए कह रहे हैं कि यह राष्ट्रीय हित में नहीं है और यह चीन का मुकाबला करने के लिए है. बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने शुक्रवार को कहा कि चीन नेपाल को मिलने वाली अंतरराष्ट्रीय सहायता देखकर खुश हैं, लेकिन यह बिना किसी राजनीतिक बंधन के मिलनी चाहिए. अमेरिकी दूतावास ने शनिवार को एक बयान में कहा कि 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर का एमसीसी अनुदान अमेरिकी लोगों की ओर से एक ग‍िफ्ट है.
नेपाल और अमेरिका ने वर्ष 2017 में एमसीसी समझौते पर किए थे हस्ताक्षर
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच साझेदारी से नेपाल में रोजगार और बुनियादी ढांचे का सृजन होगा जिससे नेपालियों के जीवन में सुधार होगा. उसने यह भी बताया कि इस परियोजना का अनुरोध नेपाली सरकार और नेपाली लोगों द्वारा किया गया था और इसे पारदर्शी रूप से गरीबी को कम करने और नेपाल की अर्थव्यवस्था को विकसित करने के लिए तैयार किया गया था. नेपाल और अमेरिका ने वर्ष 2017 में एमसीसी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. इसका उद्देश्य नेपाल में बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है जिसमें विद्युत पारेषण लाइन और राष्ट्रीय राजमार्गों का सुधार शामिल है.
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