विशेषज्ञों ने नेपाल में चीन के BRI प्रोजेक्ट पर जताई चिंता, कहा- अंतरराष्ट्रीय समर्थन लेते समय रहें सतर्क
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नेपाल (Nepal) में चीन (China) की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) परियोजनाओं की पारदर्शिता और व्यवहार्यता की कमी पर विशेषज्ञों ने चिंता जताई है। उनका कहना है कि समर्थन स्वीकार करते समय नेपाल को सतर्क रहना चाहिए क्योंकि इस परियोजना में चीन का अपना भू-राजनीतिक और अन्य स्वार्थ निहित है। न्यूज सोसाइटी नेपाल (NSN) द्वारा आयोजित न्यूज सोसाइटी नेपाल डायलाग सीरीज 'BRI (Belt and Road Initiative), इंटरनेशनल एक्सपीरियंस एंड नेपाल' में बोलते हुए विभिन्न क्षेत्रों के कई विशेषज्ञों द्वारा विचार प्रस्तुत किए गए। इस मौके पर पत्रकार विश्वास बराल ने कहा कि अगर समझौते पारदर्शी नहीं होंगे तो दिक्कत होगी.
'मंत्रालय के साथ गुप्त समझौता करते हैं चीनी एजेंट'
अजय भद्र खनाल ने कहा कि चीनी राज्य उद्यमों के एजेंट जो चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के पोलित ब्यूरो सदस्यों के करीबी हैं, सौदे करने में सक्रिय रूप से शामिल हैं। उन्होंने कहा, 'उनके एजेंट नेपाल आते हैं और मंत्रालय के साथ एक गुप्त समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करते हैं। उन्होंने 2011 में पोखरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भी ऐसा ही किया था।' "उसके बाद वे एमओयू को चीन ले जाते हैं। फिर, एक्जिम बैंक आफ चाइना वित्तीय प्रतिबद्धता देता है और फिर वे नेपाल आते हैं और वे परियोजना को प्राप्त करते हैं।' उन्होंने कहा कि पोखरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण पर भी एक गुप्त समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। यह जानकारी एक अन्य स्थानीय मीडिया आउटलेट कारोबार डेली (Karobar Daily) ने दी।
'इस तरह मिलता है चीनी ऋण'
अजय भद्र खनाल ने बताया, 'नेपाल सरकार ने 18 करोड़ अमेरिकी डालर में एयरपोर्ट के निर्माण का अनुमान लगाया था, लेकिन उन्होंने (चीनी पक्ष) ने एयरपोर्ट के लिए बोली लगाते हुए कम से कम 305 मिलियन अमेरिकी डालर का प्रस्ताव रखा था। समान गुणवत्ता वाला भैरहवा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट 75 मिलियन अमेरिकी डालर में बनाया गया है। इस प्रकार चीनी ऋण पोखरा अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए लागत बढ़ाकर आया।' उन्होंने कहा कि लंबी बातचीत के बाद आखिरकार 216 मिलियन अमेरिकी डालर की लागत तय की गई। उन्हें लगता है कि हवाई अड्डा व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य नहीं है। फिर भी, यह मौद्रिक और राजनीतिक हित के लिए बनाया गया था। यह एक उदाहरण है कि हम चीनी ऋण कैसे प्राप्त करते हैं।
अन्य देशों की तुलना में ज्यादा है चीनी ऋण का ब्याज
खनाल ने यह भी बताया कि चीनी ऋणों की ब्याज दर अन्य देशों द्वारा दिए गए ऋणों की ब्याज दर की तुलना में बहुत अधिक है। उन्होंने कहा, 'वैश्विक रूप से अन्य दाताओं द्वारा दिए गए ऋण की औसत ब्याज दर लगभग 1.3 प्रतिशत है जबकि वैश्विक स्तर पर चीनी ऋण की औसत ब्याज दर 4 प्रतिशत है।' इसलिए उनका मानना है कि चीनी पक्ष के साथ Bआई परियोजनाओं पर फिर से बातचीत करने की जरूरत है। खनाल ने कहा, "इसके अलावा, प्रधान मंत्री के स्तर से नेपाल सरकार ने अब कहा है कि हम बीआरआई परियोजनाओं के निर्माण के लिए अनुदान चाहते हैं लेकिन वाणिज्यिक ऋण नहीं ले सकते।"