एआइ पर लगाम के लिए यूरोप ला रहा दुनिया का पहला कानून रेगुलेशन
इंदौर न्यूज़: दुनिया भर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स के बढ़ते इस्तेमाल और इससे जुड़ी आशंकाओं के चलते सरकारें चिंतित हैं और इसको रेगुलेट करने के नियम कायदे बनाने में जुटी हैं.
यूरोपीय यूनियन ने एआइ रेगुलेशन से जुड़ा दुनिया का पहला कानून बनाने की दिशा में आम सहमति कायम कर ली है. 27 अप्रेल को यूरोपियन यूनियन के नेताओं में इस विषय पर आरंभिक राजनीतिक सहमति बन गई . यूरोपियन यूनियन की तकनीकी नियमन मामलों की मुखिया मार्गरेटे वेस्टागेर ने ये जानकारी दी है. वेस्टागेर जापान के ताकाशाकी में थीं, जहां जी-7 देशों के डिजिटल मंत्रियों की बैठक हुई है. बैठक के बाद वेस्टागेर ने पत्रकारों से कहा, यूरोपीय संघ का एआइ एक्ट नई तकनीक के विकास का समर्थक है. यूनियन के नए एआइ अधिनियम का मकसद उभरती नई तकनीकों के सामाजिक खतरों को कम से कम करना है. उन्होंने कहा, हम ये नियम इसलिए बना रहे क्योंकि अगर खतरनाक रूप से एआइ का गलत इस्तेमाल होता है तो उसके खतरों से निपटना कहीं ज्यादा महंगा और नुकसानदायक होगा. अब 11 मई को यूरोपीय संसद में इस विषय पर मतदान होना है और उसके बाद बिल के मसौदे को अंतिम रूप दिया जाएगा.
एआइ पर लगेगी कॉपीराइट की बंदिश
यूरोपीयिन यूनियन के प्रस्तावित कानून में ये प्रावधान है कि चैटजीपीटी जैसे एआइ प्लेटफॉर्म को कोई भी कंटेंट जनरेट करते समय इस तथ्य को जाहिर करना होगा कि उसने इस प्रक्रिया में किसी कॉपीराइट वाले कंटेंट का उपयोग तो नहीं किया. एआइ को रेगुलेट करने वाले इस पहले कानून में इस प्रावधान के आने से एआइ पर एक बड़ा अंकुश लग सकता है.
मौलिक अधिकारों की पालना जरूरी
यूरोप के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अधिनियम में एक बड़ा प्रस्ताव ये भी शामिल किया गया है कि एआइ के जनरेटिव मॉडल्स को यूरोपियन यूनियन के कानून, मौलिक अधिकारों तथा अभिव्यक्ति के अधिकार की भी पालना करना होगी. भेदभाव परक और अधिकारों के उल्लंघन वाले कंटेंट पर लगाम लगाना होगा.
नई इमेज को दिया जाएगा उचित लेबल
वेस्टागेर ने स्पष्ट किया कि नया एआइ अधिनियम मुख्य रूप से डाटा गुणवत्ता, पारदर्शिता, मनुष्य का नियंत्रण और जवाबदेही जैसे मुद्दों पर केंद्रित होगा. साथ ही ये नैतिकता के मुद्दों और अमल की चुनौतियों जैसी मुद्दों को भी संबोधित करेगा. एआइ निर्मित छवियों/इमेज को नाम दिए जाने का मुद्दा भी एक है.
नए नियमों के लिए तैयार हो जाए इंडस्ट्री
यूरोपीय संघ का एआई एक्ट इस साल पारित हो जाने की संभावना है. लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इन नियमों को लागू होने में कई साल तक लग सकते हैं. हालांकि वेस्टागेर ने कहा कि उद्योगों को नए नियमों के लिए तैयार हो जाना चाहिए. वेस्टोगेर के अनुसार, इस बात में किसी तरह की कोई दुविधा नहीं होनी चाहिए कि जहां-जहां भी एआई का व्यापक प्रभाव है, वहां बदलाव के लिए विमर्श शुरू हो जाना चाहिए और इस बात का इंतजार नहीं करना चाहिए कि कानून पारित होंगे और फिर लागू किए जाएंगे.
जोखिम वर्गीकरण है बड़ी चिंता
यूरोपीय यूनियन के नए एआइ कानून का सबसे अहम पक्ष है इसकी सभी एआइ टूल्स को जोखिम में वर्गीकृत करने की प्रणाली. इसके अंतर्गत हर प्रकार की एआइ तकनीक से मानव सेहत, सुरक्षा और मौलिक अधिकारों को जुड़े खतरे को ध्यान में रखते हुए उसे चार जोखिम श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाएगा. ये जोखिम की श्रेणियां हैं -अस्वीकार्य, उच्च, सीमित और न्यूनतम.