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ईयू-ब्रिटेन: समुद्र में मछली पकड़ने के अधिकार को लेकर ठनी, करोड़ों का हुआ नुकसान

Kunti Dhruw
20 Dec 2020 3:32 PM GMT
ईयू-ब्रिटेन: समुद्र में मछली पकड़ने के अधिकार को लेकर ठनी, करोड़ों का हुआ नुकसान
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यूरोपीय यूनियन (ईयू) और ब्रिटेन के बीच हफ्ते भर चली अतिरिक्त बातचीत का भी कोई नतीजा नहीं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क : ब्रसेल्स,यूरोपीय यूनियन (ईयू) और ब्रिटेन के बीच हफ्ते भर चली अतिरिक्त बातचीत का भी कोई नतीजा नहीं निकला। समुद्र में मछली पकड़ने के अधिकार को लेकर दोनों पक्षों में अंत तक ठनी रही। अब कोई चमत्कार ही 31 दिसंबर तक दोनों के बीच व्यापार समझौता करा सकता है। समझौता न होने की स्थिति में दोनों पक्षों को लाखों करोड़ रुपये का भारी नुकसान भुगतना पड़ सकता है, लाखों नौकरियां जा सकती हैं।

समुद्र में मछली पकड़ने का अधिकार ईयू और ब्रिटेन को भारी पड़ा
समुद्र में मछली पकड़ने का अधिकार 27 देशों के ईयू समूह और ब्रिटेन के रिश्तों पर भारी पड़ गया। दोनों पक्षों के बीच व्यापार समझौता न हो पाने की यही सबसे बड़ी वजह है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के कार्यालय ने कहा, ईयू हमारी जलसीमा को स्वीकार न करने की बात पर अड़ा हुआ है। हम ऐसा कोई समझौता नहीं मान सकते जो हमारी समुद्री सीमा पर हमारा अधिकार ही न मानता हो।
ब्रिटेन अपने समुद्र में किसी अन्य की आमदरफ्त नहीं चाहता
ब्रिटेन ने साफ कर दिया है कि वह अपने समुद्र में किसी अन्य की आमदरफ्त नहीं चाहता है। जॉनसन के कार्यालय ने कहा है- हम किसी भी देश से वह समझौता करेंगे जिसकी शर्ते ब्रिटेन के सम्मान को रखने वाली हों। ईयू के सदस्य के रूप में उसकी जलसीमा का जिस तरह से पड़ोसी देश इस्तेमाल कर रहे थे, अब आने वाले दिनों में वे वैसा नहीं कर पाएंगे।
ब्रिटेन 31 दिसंबर को पूरी तरह से यूरोपीय यूनियन से अलग हो जाएगा
ब्रिटेन ईयू से अलगाव का संक्रमण काल पूरा कर 31 दिसंबर को पूरी तरह से यूरोपीय यूनियन से अलग हो जाएगा। इससे पहले वह जनवरी में औपचारिक रूप से ईयू से अलग हो गया था, लेकिन 31 दिसंबर तक ईयू के साथ उसका व्यापार समझौता जारी है। इस दौरान दोनों पक्षों को नया व्यापार समझौता करना था लेकिन वार्ता के कई दौर चलने के बावजूद बात नहीं बनी।
अब ईयू मछली पकड़ने और आवागमन के लिए ब्रिटिश समुद्र का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा
अब ईयू सदस्य मछली पकड़ने और आवागमन के लिए बेरोकटोक ब्रिटिश समुद्र का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। बदले में ईयू देश ब्रिटेन के सामान पर भारी आयात शुल्क लगा सकते हैं। खासतौर पर ब्रिटिश सी फूड पर अब नए व्यापार नियमों के लिए ईयू की संसद में प्रस्ताव पेश किया जाएगा। उनकी स्वीकृति के बाद ईयू में नए व्यापार नियम लागू होंगे।


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