x
Scientist की नई खोज
आपने अक्सर सुना होगा कि आकाशीय बिजली गिरने से जंगल में आग लग गई. लेकिन जंगलों की आग भी खुद आकाशीय बिजली का निर्माण करती है. ये हैरानी वाली बात है. लेकिन वैज्ञानिकों ने यह खुलासा कर दिया है कि ऐसा संभव है. दशकों से हैरान-परेशान वैज्ञानिकों ने अब इसके पीछे की वजह खोज ली है कि जंगल की आग भी बिजली गिरा सकती है. सिएटल स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन के शोधकर्ताओं ने इस बात का वैज्ञानिक कारण खोज लिया है कि जिस जंगल में आग लगी है, वह खुद भी आकाशीय बिजली गिरा सकती है.
2/10
यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन के पर्यावरण वैज्ञानिक जोएल थॉर्टन ने बताया कि जंगल की आग अपनी बिजली तब गिराती है, जब वायु प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा होता है. जितनी ज्यादा गंदी हवा होगी, उतनी ज्यादा बिजली गिरेगी और उतनी ही ज्यादा बारिश की संभावना भी बनी रहती है. क्योंकि ये बात तो पहले से प्रमाणित है कि वायु प्रदूषण का असर मौसम प्रणाली और तूफानों पर भी पड़ता है.
जोएल ने कहा कि जंगल की आग के दौरान बिजली गिरने और कड़कने की वजह खोजने में दुनियाभर के वैज्ञानिक दशकों से परेशान हो रहे हैं. वैज्ञानिकों ने इसके लिए हवा के बहाव से लेकर शहरीकरण तक को इसका कारण बताया. लेकिन ये सारी वजहें ऐसी थीं जो लागू नहीं हो रही थीं. जैसे बुरी स्थिति वाली टोपोग्राफी, लैंड यूज का बदलना, जमीन के ऊपर की हवा और गर्मी. इन्हें जंगल की आग और बिजली गिरने से जोड़ना मुश्किल हो रहा था. कोई भी प्रमाण पुख्ता नहीं हो रहा था.
बात करते हैं ऑस्ट्रेलिया में 2019-20 में लगी जंगल की भयावह आग. उसे वहां पर ब्लैक समर नाम दिया गया था. इस आगर ने 18,000 वर्ग किलोमीटर के इलाके को जलाकर खाक कर दिया. इसमें आने वाले घर, जीव, जंतु, पेड़-पौधे सबकुछ जलकर राख हो गए थे. कई जीवों की तो प्रजातियां खत्म हो गईं. इसका धुआं तासमान सागर के ऊपर फैल गया. लेकिन सागर की ठंडक और नरमी ने यहां पर वैज्ञानिकों को अध्ययन करने का मौका दिया.
Lightning in the midst of a wildfire can seem like something out of biblical prophesy. But it may have a very contemporary source: air pollution. https://t.co/0U9bz0o5cf
— News from Science (@NewsfromScience) May 27, 2021
मैसाच्यूसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के मौसम विज्ञानी याकुन लिउ और उनके साथियों ने सैटेलाइट डेटा और जमीन पर लगाए गए लाइटनिंग डिटेक्शन सिस्टम को ट्रैक करके हैरान करने वाली जानकारी जुटाई. इन वैज्ञानिकों ने ब्लैक समर के दौरान एयरोसोल के मूवमेंट को ट्रैक किया. साथ ही इस इलाके में आकाशीय बिजली के पैदा होने, गिरने और कड़कने की गतिविधि पर भी नजर डाली. फिर जो जानकारी आई...उससे पता चला कि जंगलों की आग खुद आकाशीय बिजली गिरा सकती है.
याकुन लिउ ने बताया कि जब ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में आग लगी थी उस समय तासमान सागर के ऊपर भयावह स्तर का प्रदूषण था. चारों तरफ जंगल की आग से निकला धुआं फैला हुआ था. इतना धुआं कोई ज्वालामुखी भी नहीं फैलाता. जब वे समुद्र के ऊपर फैले वायु प्रदूषण की जांच कर रहे थे, उस समय वहां सामान्य दिनों की तुलना में 270 फीसदी ज्यादा बिजली गिर रही थी. मेक्सिको सिटी की नेशनल ऑटोनॉमस यूनिवर्सिटी ऑफ मेक्सिको की वायुमंडलीय साइंटिस्ट गार्सिएला रागा ने जब यह रिपोर्ट देखी तो वह हैरान रह गईं. उन्होंने कहा यह हैरतअंगेज घटना है. ऐसी गणना पहले कभी नहीं हुई थी.
गार्सिएला ने बताया कि जब तूफानी बादल छाते हैं तब ऊपर की तरफ जाने वाले छोटे-छोटे बर्फ के क्रिस्टल और नीचे की तरफ आ रहे गेल के बीच होने वाली टक्कर और घर्षण से इलेक्ट्रिकल चार्ज पैदा होता है. इसकी वजह से बिजली पैदा होती है. याकुन लिउ और उनकी टीम ने देखा कि तासमान सागर के ऊपर जमा धुएं के प्रदूषण में छोटे-छोटे बर्फ के क्रिस्टलों का काफी ज्यादा जमावड़ा है. ये धीरे-धीरे ऊपर की ओर जा रहे हैं. ये ऊपर जाते हैं तो आइस क्रिस्टल मजबूत बनते जाते हैं.
ये मजबूत आइस क्रिस्टल आसमान में इलेक्ट्रिकल चार्ज पैदा करते हैं. जिसकी वजह से जंगल की आग के आसपास और उसके ऊपर आकाशीय बिजली गिरने लगती है. याकुन और उनकी टीम ने देखा कि वायु प्रदूषण सिर्फ बिजलियों को ही पैदा नहीं करते. बल्कि तूफानी बारिश को भी आकर्षित करते हैं. आस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग के दौरान तासमान सागर के ऊपर लाइटिनिंग स्टॉर्म की संख्या में 240 फीसदी का इजाफा हुआ था. यहां प्रतिदिन 12.2 मिमी से बढ़कर 41.8 मिमी तक बारिश हो रही थी.
MIT के मौसम विज्ञानी और इस स्टडी में शामिल शोधकर्ता अर्ले विलियम्स ने कहा कि बिजली गिरने से जंगल में आग लगती है. जंगल की आग बिजली को खींचती है. उसे बनाती है और उसकी ताकत भी बढ़ाती है. लेकिन जब ज्यादा बारिश होती है तो प्रदूषण खत्म हो जाता है. इससे वायुमंडल और धरती खुद को साफ करती हैं. ये पर्यावरण का तरीका है खुद को आग से बचाने का और सफाई करने का.
जोएल थॉर्टन ने कहा कि जंगल के आग की कहानी यही खत्म नहीं होती, ये और आगे भी जाती है. ये आग इंसानों को बताता है कि जिस तरह से तुम लोग शहर बसा रहे हो, ट्रैफिक बढ़ा रहे हो, औद्योगिक प्रदूषण फैला रहे हो...उससे पर्यावरण बदल जाएगा. लेकिन जब आप इन छोटे-छोटे एयरोसोल को देखते हैं तो लगता है कि ये क्या बिगाड़ लेंगे. लेकिन ये पर्यावरण को पूरी तरह बदल सकते हैं, और धरती पर भारी विनाशलीला कर सकते हैं.
Next Story