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2 नए अध्ययन में सामने आई बड़ी बात
वाशिंगटन, आइएएनएस। वैश्विक महामारी के कारण पूरी दुनिया कोरोना वायरस की मार झेल रही है। वायरस ना सिर्फ शारीरिक हानी पहुंचा रहा, बल्कि यह बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी दुष्प्रभाव डाल रहा है। यूएस सेंटर फार डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) द्वारा प्रकाशित किए गए, दो नए अध्ययन में एक बड़ी बात सामने आई है। अध्ययन में बताया गया है कि अमेरिका के बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य कोरोना महामारी के दौरान और ज्यादा खराब हो गया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को प्रकाशित दोनों अध्ययनों में बाल चिकित्सा आपात कालीन विभाग (ED) के 2019 से जनवरी 2022 तक के सभी आंकड़ों की जांच की गई।=
कोरोना वायरस बुरी तरह से लोगों पर अटैक करता आया है, जबकि इसके अलग-अलग वैरिएंट और भी ज्यादा घातक साबित हुए हैं। एक अध्ययन से पता चला है कि जबसे महामारी शुरू हुई है, तब से बच्चों कई मानसिक संबंधित परेशानियां बढ़ी हैं।
यही नहीं बाल चिकित्सा आपात कालीन विभाग ED के साप्ताहिक संख्या में, बच्चों में चोटों, कुछ पुरानी बीमारियों, व्यवहार संबंधी और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां बढ़ोतरी हुई है। खासकर के 5 से 17 वर्ष की आयु के बच्चों में इसकी भारी वृद्धि हुई है।
एक अन्य अध्ययन में पता चला
वहीं एक अन्य अध्ययन में पता चला है कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान किशोर महिलाओं में मानसिक रुप से संबंधित परेशानियां ज्यादा दर्ज की गई हैं। इस समूह में खाने के विकारे ज्यादा सामने आए हैं।
सीडीसी बच्चों और किशोरों के बीच स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के बारे में जागरुकता बढ़ाने की सिफारिश करता है, जो देरी से चिकित्सा देखभाल और बढ़े हुए भावनात्मक संकट के कारण उत्पन्न हो सकते हैं।
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