COVID-19: जानिए दुनिया के वह नेता जिन्होंने अपने देश में कोरोना के प्रतिबंधों को नकार, जिनके लिए यह नहीं थी बड़ी चुनौती
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दुनिया में कोरोना महामारी के प्रसार के बीच इसका राजनीतिक एग्लस भी बड़ा दिलचस्प है। ऐसे में जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी के इलाज के यत्न में जुटी है, दुनिया के कुछ शीर्ष राजनेताओं ने इसके अस्तित्व को इनकार कर दिया है। आइए जानते हैं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अलावा उन नेताओं के बारे में जिन्होंने अपने देश में कोरोना वायरस के प्रतिबंधों को नकार दिया, जबकि उनका देश कोरोना वायरस के प्रकोप से जूझ रहा है। इन राजनेताओं के रवैये को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेबियस को भी कहना पड़ा कि हमारे लिए ज्यादा बड़ी चुनौती कोरोना वायरस नहीं, बल्कि वैश्विक नेतृत्व और वैश्विक समन्वय का ना होना है।
1- ब्राजील के राष्ट्रपति ने कहा कोरोना है मामूली जुकाम बुखार
ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसेनारो भी उन राजनीतिज्ञों में शामिल हैं, जिन्होंने कारोना वायरस के अस्तित्व को अस्वीकार कर दिया है। ब्राजील के राष्ट्रपति कोविड-19 महामारी को मामूली जुकाम बुखार कहकर खारिज कर चुके हैं। उन्होंने अपने देश में उन अधिकारियों की खूब खिंचाई की जो कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए प्रतिबंधों की वकालत कर चुके हैं। राष्ट्रपति ने उन अधिकारियों को भी लतार लगाई जो कोरोना वायरस को रोकने के लिए आर्थिक गतिविधियों को रोकने का प्रयास किया। राष्ट्रपति लगातार किसी भी रैली या बैठक में मास्क नहीं पहन रहे थे। अदालत के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने मास्क पहनना शुरू किया।
2- तंजानिया के राष्ट्रपति बोले- अल्लाह की मदद से देश हुआ कोरोना मुक्त
तंजानिया के राष्ट्रपति जॉन मागुफुली ने देश को कोरोना वायरस से मुक्त घोषित कर दिया है। यह ऐलान करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा सिर्फ अल्लाह की मदद से ही संभव हो पाया है। राष्ट्रपति मागुफुली शुरुआत से ही तंजानिया में कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर चिंतित नहीं रहे हैं। उन्होंने देशवासियों से कहा कि कोरोना वायरस से मुक्त होने के लिए प्रार्थना करिए। उन्होंने कहा कि जीसस के शरीर में कोई शैतानी वायरस नहीं टिक सकता। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्थानीय अधिकारियों से तंजानिया में शारीरिक दूरी और धार्मिक स्थलों को खुला रखने पर भी चिंता व्यक्त की थी।
3- राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कोरोना एक मामूली रोग
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस को मामूली रोग करार दिया। यही कारण है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने देश में कोरोना वायरस के प्रतिबंधों की अनदेखी की। यहां तक की चुनावी रैलियों में उन्होंने खुद मास्क पहनने से गुरेज किया और अपने समर्थकों को भी मास्क नहीं पहनने पर खुशी जाहिर की। अमेरिका के राष्ट्रपति इन प्रतिबंधों की उस समय अनदेखी की जब अमेरिका में कोरोना वायरस का प्रसार चरम पर है। कोरोना संक्रमितों के लिहाज से यह दुनिया का अग्रणी राष्ट्र बना हुआ है। राष्ट्रपति ट्रंप ने टेक्सास के गवर्नर ग्रेग अबॉट की तारीफ की, जिन्होंने अपने राज्य से लॉकडाउन हटाने का निर्णय लिया था। वह अमेरिकी अर्थव्यस्था को पूरी तरह से खोल देने के पक्षधर रहे हैं। कोरोना महामारी को मामूली रोग मानने वाले ट्रंप चीन और विश्व स्वास्थ्य संगठन को महामारी फैलाने का दोषी ठहराते रहे हैं।
4- मैक्सिकन राष्ट्रपति ओब्राडोर ने देश में चुंबन का समर्थन किया
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की तर्ज पर मैक्सिकन राष्ट्रपति ओब्राडोर ने भी अपने देश के नागरिकों से कहा कि उन्हें कोविड-19 से नहीं डरना चाहिए। वैश्विक स्वास्थ्य अधिकारियों के चेतावनी के बावजूद वह राजनीतिक रैलियों में शिरकत की। उन्होंने सार्वजनिक रूप से चुंबन का समर्थन किया। मैक्सिकन राष्ट्रपति ने कहा कि आपको लोगों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने और अर्थव्यवस्था के स्वास्थ्य के पहले कितने लोगों की मृत्यु हो सकती है, इस बारे में चिंता करने की जरूरत है।