विश्व
चीन के वैज्ञानिकों ने माइक्रोप्लास्टिक खाने वाली ऐसी मछली बनाई, जो करेगी समुद्र की सफाई
Renuka Sahu
14 July 2022 1:02 AM GMT
x
फाइल फोटो
चीन के वैज्ञानिकों ने बनाई माइक्रोप्लास्टिक खाने वाली एक मछली बनाई है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चीन के वैज्ञानिकों ने बनाई माइक्रोप्लास्टिक खाने वाली एक मछली बनाई है। यह चावल के दाने से बहुत छोटे प्लास्टिक के टुकड़े खाने में सक्षम है। इसे समुद्र की सफाई के लिहाज से बनाया गया है। काले रंग की यह रोबोटिक मछली एक लाइट (रेडियोसक्रिय किरणों से उपचारित) की मदद से काम करती है। इसके जरिये वह अपने पंख फड़फड़ा सकती है और शरीर को हिला डुला सकती है।
दक्षिण-पश्चिम चीन की सिचुआन यूनिवर्सिटी की चीनी वैज्ञानिकों की एक टीम ने कहा कि ये रोबोट मछली एक दिन दुनिया भर के समुद्र से माइक्रोप्लास्टिक के कचरे को साफ कर देगी। यह छूने में एकदम नाजुक और 1.3 सेंटीमीटर (0.5 इंच) तक लंबी है। इस तरह की कुछ मछलियां सतह की गहराई में पानी से माइक्रोप्लास्टिक निकालने का काम कर रही हैं। टीम का कहना है कि वह रोबोट मछलियों पर अभी और काम कर रहे हैं, ताकि ये एक दिन और गहराई तक जाकर पानी से माइक्रोप्लास्टिक को खा सकें।
कम वजन, छोटा आकार
रोबोट को बनाने वाली टीम के शोधकर्ता वांग युयान ने कहा, हमने कम वजन वाला छोटी रोबोटिक मछली बनाई है। इसे बायोमेडिकल या खतरनाक ऑपरेशंस के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा यह एक तरह का छोटा रोबोट है, जिसे शरीर में भी लगाया जा सकता है। जिससे बीमारी को खत्म करने में भी मदद मिल सकती है। वैज्ञानिक लाइट का इस्तेमाल करते हुए रोबोट को नियंत्रित कर सकते हैं, ताकि ये पानी में तैरने वाली अन्य मछलियों और जहाजों से न टकराएं।
बड़ी मछली के खा जाने के बाद भी रहती है जीवित
वांग के मुताबिक, अगर इन्हें गलती से पानी में मौजूद दूसरी मछलियां खा लेती हैं, तब भी असली मछलियों को इससे कोई नुकसान नहीं होगा। वो आसानी से इन रोबोट को पचा लेंगी। ऐसा इसलिए क्योंकि मछलियों को पॉलीयुरेथेन से बनाया गया है। जो बायो कंपैटिबल है। रोबोटिक मछलियां प्रदूषकों को अवशोषित कर सकती हैं और क्षतिग्रस्त होने पर खुद को ठीक कर सकती हैं। यह प्रति सेकेंड 2.76 बॉडी लेंथ के साथ तैर सकती हैं, जो अधिकतर आर्टिफिशियल रोबोट की तुलना में अधिक तीव्र है।
माइक्रोप्लास्टिक का पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव
वांग का कहना है कि हम अधिकतर माइक्रोप्लास्टिक्स को संग्रह करने पर काम कर रहे हैं। इसका पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह जीवों में विकास, प्रजनन और सामान्य जैविक कार्यों को सीमित करता है और इंसानों पर भी इसका प्रभाव पड़ता है।
Next Story