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China: चीन के इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी के उपाध्यक्ष झेंग झियान की संदिग्ध हालात में मौत, दावा-यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग से गिरे

Tulsi Rao
19 Jun 2021 10:55 AM GMT
China: चीन के इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी के उपाध्यक्ष झेंग झियान की संदिग्ध हालात में मौत, दावा-यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग से गिरे
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जानकारी के मुताबिक बिल्डिंग से गिरने की वजह से झेंग झियान की मौत हो गई है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चीन के शीर्ष परमाणु वैज्ञानिकों में से एक और हार्बिन इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी के उपाध्यक्ष की संदिग्ध हालातों में मौत हो गई है. जानकारी के मुताबिक बिल्डिंग से गिरने की वजह से झेंग झियान की मौत हो गई है. वह गुरुवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए हैं. झेंग झियान चाइनीज परमाणु सोसायटी के भी वाइस प्रेसिडेंट थे.

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक खबर के मुताबिक यह यूनिवर्सिटी हेलियोजियांग प्रांत की राजधानी में है. यूनिवर्सिटी ने बताया कि पुलिस ने इसे अभी हत्या मानने से इनकार किया है क्योंकि जांच में बहुत ज्यादा जानकारी नहीं मिल सकी है. यूनिवर्सिटी की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'हार्बिन इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी को प्रोफेसर झेंग झियान के निधन पर गहरा शोक है. दुर्भाग्य से 17 जून को सुबह 9.34 बजे वह बिल्डिंग से गिर गए. कॉमरेड झियान के निधन से यूनिवर्सिटी को आघात पहुंचा है. हम उनके परिवार के साथ संवेदना व्यक्त करते हैं.'

कई पुरस्कारों से सम्मानित
चीन के इस परमाणु वैज्ञानिक को कई शीर्ष पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है. इनमें नेशनल अवॉर्ड फॉर एक्सीलेंस इन इनोवेशन भी शामिल है. यूनिवर्सिटी की ओर से उनकी मौत को लेकर कोई विस्तृत बयान जारी नहीं किया गया है और विश्वविद्यालय के बोर्ड पर अभी भी उनका नाम है. झेंग यूनिवर्सिटी में कॉलेज ऑफ न्यूक्लियर साइंस एंड टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर थे. इसके अलावा यूनिवर्सिटी की कम्युनिस्ट पार्टी कमेटी की स्थायी समिति के भी सदस्य थे. साल 2019 में उन्हें चीन के परमाणु कार्यक्रम के जनक माने जाने वाले कियान सैनकियांग के नाम से मिलने वाले पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. यह पुरस्कार सरकार की ओर परमाणु कार्यक्रम में योगदान के लिए दिया जाता है.
इस वजह से गहराया शक
चीनी प्रोफेसर की मौत से दो दिन पहले ही यूनिवर्सिटी ने कॉलेज ऑफ अंडरवाटर एकोस्टिक इंजीनियरिंग के पूर्व डीन को नया उपाध्यक्ष नियुक्त किया था. यह यूनिवर्सिटी उन 1-2 चीनी विश्वविद्यालयों में से एक है, जिनके सेना के साथ करीबी संबंध हैं. पिछले साल अमेरिका के साथ बढ़े तनाव के बाद से इन यूनिवर्सिटी में पिछले साल जून से अमेरिकी सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था.

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