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आर्थिक और ऊर्जा संकट के बीच गर्मी की भी मार
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | बांग्लादेश में इस समय पड़ रही असामान्य गर्मी ने बिजली का संकट खड़ा कर दिया है। जिस समय बांग्लादेश दूसरी आर्थिक समस्याओं में भी फंसा हुआ है, इस संकट ने उसकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
काफी इंतजार के बाद गुरुवार को बांग्लादेश के कई हिस्सों में हल्की बारिश हुई। लेकिन इसके पहले देश को लगातार दो महीने गर्म हवाओं के बीच गुजारने पड़े। इस बीच औसत तापमान 41 डिग्री सेल्सियस बना रहा। इस दौरान बिजली की मांग बढ़ी, जिसे पूरा करने में अधिकारियों को बेहद दिक्कत पेश आई। इसी समय सप्लायरों ने पर्या पॉवर प्लांट के लिए कोयले की सप्लाई रोक दी, जहां प्रति दिन 1,320 मेगावाट बिजली पैदा होती है। सप्लायरों की शिकायत है कि उन्होंने कोयले की जो सप्लाई की थी, उसका भुगतान नहीं हुआ है। अभी तक यह तय नहीं है कि ये बिजली संयंत्र दोबारा कब चालू होगा।
पिछले साल बांग्लादेश ने बिजली उत्पादन का अपना लक्ष्य हासिल कर लिया था। तब इसे देश की एक बड़ी उपलब्धि बताया गया था। लेकिन यह जश्न ज्यादा दिन नहीं चला। पिछले साल फरवरी में ही यूक्रेन पर रूस का हमला शुरू होने के बाद कई अन्य विकासशील देशों की तरह बांग्लादेश भी ऊर्जा संकट, महंगाई और घटते विदेशी मुद्रा भंडार की समस्या का शिकार बनने लगा।
गहराते संकट के कारण अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने बांग्लादेश को 4.7 बिलियन डॉलर का ऋण फुर्ती से जारी कर दिया, इसके बावजूद उसका विदेशी मुद्रा भंडार घट कर पिछले महीने के आखिर में 30 बिलियन डॉलर से भी नीचे आ गया था। जबकि यूक्रेन संकट शुरू होने के पहले बांग्लादेश के विदेशी मुद्रा भंडार में 48 बिलियन डॉलर मौजूद थे।
बांग्लादेश के बिजली राज्य मंत्री नसरुल हमीद ने इस हफ्ते संसद में बताया कि देश में इस समय 2,500 मेगावाट बिजली की कमी है। इस कारण ग्रामीण इलाकों में दस घंटों तक की लोडशेडिंग करनी पड़ रही है। बिजली में बार-बार कटौती से जहां उद्योग-धंधों के लिए दिक्कतें पैदा हुई हैं, वहीं आम लोग भी मुश्किल में हैं। ढाका निवासी शहाबुद्दीन ने वेबसाइट निक्कईएशिया.कॉम से कहा- ‘पहले मैं लोडशेडिंग के समय का हिसाब रखता था। लेकिन अब इसे रखना संभव नहीं रह गया है। अब जानना मुश्किल है कि किस समय और कितनी देर तक के लिए बिजली चली जाएगी।’
बिजली का संकट उस समय पैदा हुआ है, जब देश में असामान्य गर्मी पड़ रही है। गर्म हवाओं के कारण कुछ लोगों की जान जाने या बीमार होने की खबरें भी आई हैं। हालात को देखते हुए सरकार ने इस हफ्ते देश भर में प्राइमरी और सेकंडरी स्कूलों को बंद करने का एलान किया। रोग नियंत्रण विभाग निदेशालय के प्रमुख नजमुल इस्लाम मुन्ना ने निक्कई एशिया से कहा कि असामान्य गर्मी के कारण देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य की समस्या ने गंभीर रूप ले लिया है। उन्होंने कहा- डायरिया, डेंगू, खांसी और बुखार से पीड़ित मरीजों की अस्पतालों में भीड़ लग गई है।
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