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अमेरिका ने की बड़ी कार्रवाई और चीन पर लगाए कड़े प्रतिबंध, पढ़ें पूरा मामला

Gulabi
11 Dec 2021 1:19 PM GMT
अमेरिका ने की बड़ी कार्रवाई और चीन पर लगाए कड़े प्रतिबंध, पढ़ें पूरा मामला
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अमेरिका ने की बड़ी कार्रवाई
रायटर। अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। अमेरिका ने शुक्रवार को चीन, म्यांमार, उत्तर कोरिया व बांग्लादेश आदि के दर्जनभर से ज्यादा प्रतिष्ठानों और लोगों पर मानवाधिकार संबंधी प्रतिबंध लगाए हैं। चीन की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी सेंसटाइम ग्रुप को इन्वेस्टमेंट ब्लैकलिस्ट में डाल दिया गया है। कंपनी पर चेहरे के जरिये अल्पसंख्यक उइगरों की पहचान करने वाला साफ्टवेयर विकसित करने का आरोप है। सेंसटाइम ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि उसने स्थानीय सभी नियमों का पालन किया है।

अमेरिका ने मानवाधिकार दिवस के अवसर पर यह कदम उठाया है। जो बाइडन के राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार उत्तर कोरिया के खिलाफ प्रतिबंध लगाया गया है। डिप्टी ट्रेजरी सेक्रेटरी वैली एडेमो ने एक बयान में कहा, 'आज हमारे प्रतिबंध, खासकर ब्रिटेन व कनाडा की साझेदारी में लगाए गए प्रतिबंध यह संदेश देते हैं कि विश्वभर के लोकतंत्र उन देशों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे, जो राज्य की शक्ति का दुरुपयोग व दमन करते हैं।' चीन की तीन अन्य कंपनियों पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं।

वाशिंगटन स्थित चीनी दूतावास ने अमेरिका के इस कदम की निंदा करते हुए इसे आंतरिक मामलों में गंभीर हस्तक्षेप और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के आधारभूत नियमों का उल्लंघन करार दिया है। अमेरिका ने म्यांमार में सेना व पुलिस के लिए हथियार बनाने वाले डायरेक्टरेट आफ डिफेंस इंडस्ट्रीज पर प्रतिबंध लगाया है। एक फरवरी के तख्तापलट में इसका इस्तेमाल किया गया था। इसके अलावा, जुंटा प्रशासन का नेतृत्व करने वाले मायो स्वे विन समेत चार प्रांतों के मुख्यमंत्रियों के खिलाफ भी प्रतिबंध लगाया गया है।
कनाडा ने म्यांमार की सैन्य सरकार से जुड़े चार प्रतिष्ठानों, जबकि ब्रिटेन ने सेना के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाए हैं। ट्रेजरी ने उत्तर कोरिया के सेंट्रल प्रोसेक्यूटर्स आफिस व रक्षा मंत्री रि योंग गिल के खिलाफ प्रतिबंध लगाए हैं। उत्तर कोरिया को कर्मचारी उपलब्ध कराने के लिए रूस की एक यूनिवर्सिटी को भी प्रतिबंधित किया गया है। इसके अलावा चीन, बेलारूस व श्रीलंका के 12 लोगों के खिलाफ अमेरिका में प्रवेश की पाबंदी लगाई गई है।
ये कदम उस समय उठाए गए हैं, जब बाइडन ने वर्चुअल तौर पर आयोजित दो दिवसीय लोकतंत्र सम्मेलन के समापन पर लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए कदम उठाने और इसके पक्ष में अमेरिका में कानून बनाने का एलान किया है। बाइडन ने शुक्रवार को कहा था कि 100 से ज्यादा देशों के नेताओं द्वारा सम्मेलन में जताई गई प्रतिबद्धता दुनियाभर से निरंकुशता को खत्म कर देगी और भ्रष्टाचार से मुकाबले तथा मानवाधिकार को बढ़ावा देने में मदद करेगी।
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