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लोकतांत्रिक देशों की वर्चुअल समिट के लिए अमेरिका ने ताइवान को भी कियाआमंत्रित, जानें भड़केे चीन ने क्या कहा

Renuka Sahu
25 Nov 2021 1:21 AM GMT
लोकतांत्रिक देशों की वर्चुअल समिट के लिए अमेरिका ने ताइवान को भी कियाआमंत्रित, जानें भड़केे चीन ने क्या कहा
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फाइल फोटो 

दिसंबर में होने वाली लोकतांत्रिक देशों की वर्चुअल समिट के लिए अमेरिका ने ताइवान को भी आमंत्रित किया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दिसंबर में होने वाली लोकतांत्रिक देशों की वर्चुअल समिट के लिए अमेरिका ने ताइवान को भी आमंत्रित किया है। राष्ट्रपति जो बाइडन के आह्वान पर हो रही इस समिट में दुनिया के 110 लोकतांत्रिक देश हिस्सा लेंगे। अमेरिका द्वारा ताइवान को आमंत्रित किए जाने से चीन भड़क उठा है। चीन ने इस आयोजन को अमेरिका का प्रभाव बढ़ाने का तरीका बताया है।

राष्ट्रपति बाइडन की पहल पर दुनिया में लोकतांत्रिक देशों का इस तरह का सम्मेलन पहली बार होने जा रहा है। इसे वैश्विक नेतृत्व करने की अमेरिका की योजना का हिस्सा माना जा रहा है। इस सम्मेलन के जरिये अमेरिका चीन और रूस को नीचा दिखाना चाहता है। साथ ही दुनिया के ज्यादातर देशों को अपने साथ नीतिगत आधार पर जोड़ना चाहता है।
अमेरिका के आमंत्रण का स्वागत करते हुए ताइवान के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि समिट में ताइवान का प्रतिनिधित्व डिजिटल मामलों के मंत्री आड्रे तांग और वाशिंगटन में ताइवानी राजदूत सियाओ बाइखीम करेंगे। कहा है कि ताइवान को यह सम्मान दशकों से लोकतांत्रिक मूल्यों और मानवाधिकारों के सिद्धांतों का पालन करने की वजह से मिला है। जबकि चीन के विदेश मंत्रालय ने ताइवान को मिले अमेरिकी आमंत्रण पर कड़ा विरोध जताया है। चीनी प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा है कि अमेरिका अपने हितों को मजबूत करने के लिए दुनिया को बांट रहा है। वह अपने क्षेत्रीय हितों को साधने के लिए नए-नए हथकंडे अपना रहा है। जबकि ताइवान की सरकार ने कहा है कि चीन को उससे जुड़े मामलों पर कुछ भी बोलने का अधिकार नहीं है।
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