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अफगानिस्तान पर भारत की बैठक में पाकिस्तान के बाद अब चीन ने मारी पलटी, NSA कॉन्फ्रेंस में नहीं होगा शामिल

Renuka Sahu
9 Nov 2021 2:25 AM GMT
अफगानिस्तान पर भारत की बैठक में पाकिस्तान के बाद अब चीन ने मारी पलटी, NSA कॉन्फ्रेंस में नहीं होगा शामिल
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फाइल फोटो 

अफगानिस्तान के मुद्दे पर भारत ने 10 नवंबर को दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के नेतृत्व में तमाम देशों की सुरक्षा सलाहकारों की अहम कॉन्फ्रेंस बुलाई है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अफगानिस्तान (Afghanistan) के मुद्दे पर भारत ने 10 नवंबर को दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल (Ajit Dobhal) के नेतृत्व में तमाम देशों की सुरक्षा सलाहकारों की अहम कॉन्फ्रेंस बुलाई है. तालिबान के मददगार पाकिस्तान के इस कॉन्फ्रेंस में आने से इनकार करने के बाद चीन ने भी शामिल नहीं होने का फैसला लिया है. ऐसे में बुधवार को होने वाली इस मीटिंग में चीन-पाकिस्तान को छोड़कर रूस और ईरान समेत सभी मध्य एशियाई देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शामिल होंगे. चीन ने कहा कि शेड्यूलिंग समस्या के कारण वह इस मीटिंग में भाग नहीं ले पाएगा.

इससे पहले पड़ोसी देश पाकिस्तान भी बैठक में भाग लेने से इनकार कर चुका है. इस बैठक में उनके न्योते की पुष्टि पाकिस्तान के विदेशी कार्यालय ने खुद की थी. वहीं, जब पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) मोईद युसूफ से पूछा गया कि क्या वह भारत की मेजबानी में होने वाली बैठक में शरीक होंगे? इसके जवाब में युसूफ ने कहा,'मैं नहीं जाउंगा. मैं नहीं जा रहा. एक विघ्नकर्ता (देश), शांति स्थापित करने वाला नहीं हो सकता.' पाकिस्तान के इस बयान पर भारत ने कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन आश्चर्यजनक नहीं है.
रूस और ईरान समेत ये देश होंगे शामिल
सूत्रों का ये भी मानना है कि रूस और ईरान समेत सभी मध्य एशियाई देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार इस सम्मेलन में शामिल होंगे. ऐसे में साफ है कि ये सभी देश ये बात जानते भी हैं और मानते भी हैं कि अफगानिस्तान के संदर्भ में भारत की भूमिका बहुत अहम है. सभी देश भारत के साथ साझा रणनीति के तहत ही आगे बढ़ना चाहते हैं.
ताजिकिस्तान सहित कई देशों के लिए नई सुरक्षा चुनौतियां हुई पैदा
अफगानिस्तान में बिगड़ती स्थिति, मानवाधिकारों का उल्लंघन, महिलाओं व बच्चों की स्थिति, मध्य एशिया और पड़ोसी देशों में तथा उसके आसपास बढ़ते सुरक्षा खतरों ने उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान सहित कई देशों के लिए नई सुरक्षा चुनौतियां पैदा कर दी हैं. पिछले महीने रूस ने अफगानिस्तान पर एक बैठक की मेजबानी की थी, जिसमें भारत को आमंत्रित किया गया था. अफगानिस्तान पर मास्को फॉर्मेट बैठक में सुरक्षा और अन्य पहलुओं पर भी विस्तार से चर्चा की गई थी.
NSA कॉन्फ्रेंस का शेड्यूल
इस बैठक में ईरान, रूस के अलावा मध्य एशियाई देश ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान, कजाखस्तान, उज्बेकिस्तान और तुर्किमेनिस्तान भी हिस्सा लेंगे. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSAs) स्तर की बैठक का भारत मेजबान है. इस बैठक का नाम ' दिल्ली रीजनल सिक्योरिटी डायलॉग ऑन अफगानिस्तान' है. इसकी अध्यक्षता देश के एनएसए अजित डोभाल (Ajit Doval) करेंगे.
सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि बैठक में शामिल हो रहे सभी देशों के एनएसए विशेष विमानों से आएंगे. मंगलवार सुबह से इन शीर्ष अधिकारियों का दिल्ली पहुंचना शुरू जाएगा. ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के बीच द्विपक्षीय वार्ता मौर्या शेरेटन होटल में होगी. दोपहर में रूस, ईरान और कजाखस्तान के बीच बातचीत होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इन बैठकों का हिस्सा होंगे.


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