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आखिर किस मामले में कोर्ट में पेश होंगे प्रिंस हैरी

Rounak Dey
4 Jun 2023 2:29 PM GMT
आखिर किस मामले में कोर्ट में पेश होंगे प्रिंस हैरी
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जनता से रिश्ता वेब्डेस्क | हैरी और 100 से अधिक अन्य लोगों ने मिरर ग्रुप न्यूजपेपर्स (एमजीएन) पर गैरकानूनी गतिविधियों का आरोप लगाते हुए मुकदमा दायर किया था। एमजीएन, ब्रिटिश समाचार पत्रों डेली मिरर और संडे मिरर और संडे पीपल टैबलॉयड का प्रकाशक है।

ब्रिटिश शाही परिवार के सदस्य प्रिंस हैरी न्यायालय के कठघरे में खड़े दिखाई देंगे। दरअसल, फोन हैकिंग मामले में अदालत में गवाही देने के लिए प्रिंस को सोमवार को लंदन स्थित उच्च न्यायालय में पेश होना है। 130 साल में पहली बार होगा जब शाही परिवार का कोई सदस्य कटघरे में खड़ा होगा।फोन हैकिंग के आरोपों को लेकर ब्रिटिश समाचार पत्र 'डेली मिरर' के प्रकाशक के खिलाफ ब्रिटेन के उच्च न्यायालय में मुकदमा चल रहा है। प्रिंस हैरी उन हस्तियों में से एक हैं, जिनके दावों पर प्रकाशक के खिलाफ मुकदमा चलाया जा रहा है। हैरी और 100 से अधिक अन्य लोगों ने मिरर ग्रुप न्यूजपेपर्स (एमजीएन) पर 1991 और 2011 के बीच व्यापक गैरकानूनी गतिविधियों का आरोप लगाते हुए मुकदमा दायर किया था। मिरर ग्रुप न्यूजपेपर्स, ब्रिटिश समाचार पत्रों डेली मिरर और संडे मिरर और संडे पीपल टैबलॉयड का प्रकाशक है।

प्रकाशक के खिलाफ केस करने वालों में प्रिंस के अलावा अभिनेता, खेल सितारे, मशहूर हस्तियां और ऐसे लोग शामिल हैं, जिनका हाई-प्रोफाइल शख्सियतों से संबंध था।

वादी पक्ष का कहना है कि प्रकाशक के पत्रकारों या उनके द्वारा अधिकृत निजी लोगों ने बड़े पैमाने पर फोन-हैकिंग को अंजाम दिया। इसके जरिए धोखे से उनकी निजी जानकारी हासिल की और उनके बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए अन्य अवैध कृत्यों को अंजाम दिया।

वादी पक्ष के वकीलों का कहना है कि वरिष्ठ संपादकों और अधिकारियों को इस कृत्य की जानकारी थी और उन्होंने इसकी स्वीकृति दी थी। एमजीएन दावों का विरोध कर रहा है और इनकार करता है कि वरिष्ठ व्यक्ति गलत काम के बारे में जानते थे। यह भी तर्क देता है कि कुछ मुकदमों को बहुत देर से लाया गया था।

10 मई से शुरू हुई सुनवाई के लिए चार मामले हैं। इनमें से पहले में किंग चार्ल्स के छोटे बेटे हैरी की सुनवाई होगी। सोमवार को सुनवाई के दौरान हैरी लंदन हाईकोर्ट में सबूत देंगे।फोन-हैकिंग का मामला पहली बार 2006 में सामने में आया जब रूपर्ट मर्डोक के न्यूज ऑफ द वर्ल्ड (एनओडब्ल्यू) टैब्लॉइड के तत्कालीन संपादक और एक निजी अन्वेषक को गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने अपना जुर्म कबूल किया और 2007 में जेल गए। 2011 में एक और खुलासा हुआ कि स्कूली लड़की को लक्षित किया गया था जिसकी हत्या हो चुकी है। इसके साथ ही एक आपराधिक मुकदमे की शुरुआत हुई।

2014 में, एनओडब्ल्यू के पूर्व संपादक एंडी कूलसन को फोन हैक करने की साजिश का दोषी पाया गया। कूलसन ने बाद में पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के लिए भी काम किया था। मर्डोक के यूके अखबार और रेडियो ऑपरेशन की प्रमुख रिबका ब्रुक्स को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया था।

आरोपों पर प्रकाशन का रुख क्या है?

एमजीएन समूह अपने पत्रकारों को हैकिंग में शामिल होने से लगातार इनकार करता रहा है जिसमें एक सार्वजनिक पूछताछ भी शामिल थी। इसने कहा कि हैकिंग का यह कृत्य महज एक शरारती रिपोर्टर तक ही सीमित था और वरिष्ठ लोग गलत काम के बारे में नहीं जानते थे। प्रकाशक ने यह भी तर्क देता है कि कुछ मुकदमों को बहुत देर से लाया गया था।

हालांकि, 2014 में इसने चार मामलों में जिम्मेदारी स्वीकार की। तब से एमजीएन 600 से अधिक दावों को सेटल कर चुका है जिसमें इसने हर्जाने के रूप में $120 मिलियन से अधिक की भरपाई की है।

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