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तालिबान से नहीं संभल रहा अफगानिस्तान, इस्लामिक स्टेट कर रहा लगातार हमले, अबतक 330 से ज्यादा लोगों की मौत
Renuka Sahu
3 Nov 2021 6:22 AM GMT
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फाइल फोटो
15 अगस्त 2021 को तालिबान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जा कर लिया था।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। 15 अगस्त 2021 को तालिबान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद से अफगानिस्तान में लगातार धमाके हुए हैं और अधिकतर हमलों के जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ऑफ खोरासन (IS-K) ने ली है। IS-K ने तालिबान की नाक में दम किया हुआ है और अमेरिका द्वारा अफगानिस्तान छोड़ने के बाद से तालिबान सत्ता को लगातार चुनौती दी है। तालिबान से अफगानिस्तान संभलता नहीं दिख रहा है। तालिबान नेताओं ने लगातार कहा है कि सब कुछ कंट्रोल में है और अफगानिस्तान के लोग सुरक्षित हैं। लेकिन डेटा ऐसा नहीं कहता। तालिबान के ढाई महीने के राज में अब तक कई बड़े धमाके हुए हैं। इन धमाकों में अब तक 330 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 480 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
काबुल एयरपोर्ट धमाका
26 अगस्त की शाम हुए इस धमाके में कम से कम 182 लोग मारे गए थे और 150 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ऑफ खोरासन ने ली थी।
काबुल और जलालाबाद में ब्लास्ट
18 सितंबर नंगरहार की राजधानी जलालाबाद में चार विस्फोट में कम से कम 7 लोग मारे गए थे और कम से कम 30 लोग घायल हो गए थे। इन धमाकों में तालिबान के गश्ती वाहनों को निशाना बनाया गया था। इसके साथ ही काबुल में भी एक ब्लास्ट हुआ था लेकिन इस ब्लास्ट में किसी की मौत नहीं हुई थी। इन धमाकों की जिम्मेदारी भी इस्लामिक स्टेट ऑफ खोरासन ने ली थी।
जलालाबाद ब्लास्ट
22 सितंबर को फिर से जलालाबाद में कई ब्लास्ट हुए और बंदूकधारियों ने हमला किया था। इस पूरे हमले में कम से कम 5 लोगों की मौत हुई थी और 13 से अधिक लोग घायल हो गए थे। एक गैस स्टेशन पर हमलावरों द्वारा एक वाहन पर की गई गोलीबारी में कम से कम 2 तालिबान लड़ाके और एक बच्चे की मौत हो गई थी।
काबुल ब्लास्ट
3 अक्टूबर को एक बार फिर से राजधानी काबुल में ब्लास्ट हुए। ईदगाह मस्जिद के गेट पर हुए हमले में कम से कम पांच लोग मारे गए थे। यह धमाका तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद की मां के स्मारक सेवा को निशाना बनाकर किया गया था।
कुंदुज धमाका
8 अक्टूबर को जुम्मे की नमाज के दौरान कुंदुज के शिया मस्जिद में हुए धमाके में कम से 50 लोगों की मौत हो गई थी और 143 से अधिक लोग घायल हो गए थे। कई रिपोर्ट्स में मरने वालों की संख्या 100 के करीब तक बताई गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी ने भी इस्लामिक स्टेट ऑफ खोरासन ने ली थी।
कंधार ब्लास्ट
15 अक्टूबर को एक बार फिर से जुम्मे की नमाज के दौरान कंधार के इमाम बरगाह शिया मस्जिद में धमाका हुआ। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस हमले में अब तक कम से कम 16 लोगों की मौत हो चुकी है और 40 से अधिक लोग घायल हो गए हैं।
काबुल हॉस्पिटल धमाका
2 नवंबर को राजधानी काबुल के सरदार मोहम्मद दाउद खान हॉस्पिटल में हुए हमले में 25 लोगों की मौत हो गई। इस हमले में करीब 55 लोगों की मौत हो गई। तालिबान ने कहा है कि उसने 4 हमलावरों को मार गिराया है और एक को गिरफ्तार किया है। किसी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन तालिबान ने कहा है कि इस हमले के पीछे इस्लामिक स्टेट ऑफ खोरासन है। इससे पहले सरकारी बख्तर समाचार एजेंसी ने प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से कहा था कि इस्लामिक स्टेट के कई लड़ाके अस्पताल में दाखिल हुए और सुरक्षा बलों से भिड़ गए थे।
Renuka Sahu
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