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यूक्रेन में रूस के हमले के बाद पैदा हुए मानवीय संकट को लेकर, यूएनएससी में मसौदा प्रस्ताव पर मतदान से भारत समेत 13 देशों ने बनाई दूरी

Renuka Sahu
24 March 2022 12:47 AM GMT
यूक्रेन में रूस के हमले के बाद पैदा हुए मानवीय संकट को लेकर, यूएनएससी में मसौदा प्रस्ताव पर मतदान से भारत समेत 13 देशों ने बनाई दूरी
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फाइल फोटो 

यूक्रेन में रूस के हमले के बाद पैदा हुए मानवीय संकट को लेकर मसौदा प्रस्ताव पर सुरक्षा परिषद में बुधवार को हुए मतदान में भारत समेत 13 सदस्य देशों ने हिस्सा नहीं लिया।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। यूक्रेन में रूस के हमले के बाद पैदा हुए मानवीय संकट को लेकर मसौदा प्रस्ताव पर सुरक्षा परिषद में बुधवार को हुए मतदान में भारत समेत 13 सदस्य देशों ने हिस्सा नहीं लिया। प्रस्ताव में रूस और यूक्रेन के बीच राजनीतिक वार्ता, बातचीत, मध्यस्थता और अन्य शांतिपूर्ण तरीकों से तत्काल शांतिपूर्ण समाधान का आग्रह किया गया था।

स्थायी और वीटो अधिकार रखने वाले परिषद के सदस्य रूस ने 15 सदस्य देशों के सामने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपने मसौदा प्रस्ताव पर वोट देने का आह्वान किया था। जिसमें मांग की गई थी कि मानवीय संकट को देखते हुए महिलाओं और बच्चों समेत कमजोर परिस्थितियों में रह रहे नागरिकों को पूरी तरह से संरक्षित किया जाए। प्रस्ताव में कहा गया कि "नागरिकों की सुरक्षा, स्वैच्छिक और निर्बाध निकासी को सक्षम बनाने के लिए बातचीत के जरिए संघर्ष विराम का आह्वान करता है और संबंधित पक्षों को इस उद्देश्य के लिए मानवीय ठहराव पर सहमत होने की आवश्यकता को रेखांकित करता है।"
रूस और चीन ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि भारत उन 13 देशों में शामिल रहा, जिन्होंने मतदान में भाग नहीं लिया। भारत ने पहले भी सुरक्षा परिषद में दो मौकों पर और एक बार यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के प्रस्तावों पर महासभा में भाग नहीं लिया था।
संयुक्त राष्ट्र व अरब देशों की लीग के बीच सहयोग पर हुई बैठक में हर्षवर्धन शृंगला हुए शामिल
भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला संयुक्त राष्ट्र के दौरे पर हैं। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ और अरब देशों की लीग के बीच सहयोग पर हुई बैठक में सुरक्षा परिषद को संबोधित किया। इस बैठक की अध्यक्षता परिषद के अध्यक्ष यूएई ने की।
शृंगला ऐसे समय में न्यूयॉर्क पहुंचे हैं, जब यूक्रेन पर रूसी हमलों को लेकर संयुक्त राष्ट्र की बैठक में महत्वपूर्ण फैसले हो रहे हैं। इससे पहले, यूएनजीए ने 28 फरवरी को यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामकता पर एक दुर्लभ आपातकालीन सत्र बुलाया था। भारत तथा 34 अन्य देशों ने इस प्रस्ताव पर मतदान में हिस्सा नहीं लिया था।
रूस द्वारा लाया गया प्रस्ताव यूक्रेन पर उसके आक्रमण के बारे में कोई जवाब नहीं देता है। इस प्रस्ताव में सभी संबंधित पक्षों से बिना किसी भेदभाव के विदेशी नागरिकों सहित यूक्रेन के बाहर के गंतव्यों के लिए सुरक्षित और निर्बाध मार्ग की अनुमति देने और महिलाओं की विशेष जरूरतों को ध्यान में रखते हुए महिलाओं, लड़कियों, पुरुषों और लड़कों, वृद्ध व्यक्तियों और विकलांग व्यक्तियों की विशेष जरूरतों को ध्यान में रखते हुए यूक्रेन और उसके आसपास जरूरतमंद लोगों को मानवीय सहायता की सुरक्षित और निर्बाध पहुंच की सुविधा प्रदान करने का आह्वान किया गया।
सुरक्षा परिषद में रूसी प्रस्ताव यूक्रेन में मानवीय स्थिति पर तीन प्रस्तावों में से एक था जिसे बुधवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद के समक्ष रखा गया। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बुधवार को यूक्रेन में अपना 11वां आपातकालीन विशेष सत्र फिर से शुरू किया और इसके समक्ष दो प्रस्तावों पर विचार किया गया।
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