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खुलासा: सूदखोरों से परेशान होकर एसएसपी ऑफिस पर जहर खाकर दी थी जान
कानपूर: सिविल लाइन के देवीनगर में संजीव जैन के मकान से मिलते जुलते मकान नंबर को दिखाकर बैंक लोन करा फर्जीवाड़ा करने के मुकदमे में नया खुलासा हुआ है. बैंक ने लोन जिस देवेंद्र के नाम पर किया उसने जुलाई 2021 को एसएसपी ऑफिस पर एक लाख रुपये कर्ज के चलते सूदखोरों से परेशान होकर सुसाइड किया था.
सवाल उठ रहा है कि जब देवेंद्र को जनवरी 2020 में 32 लाख का बैंक लोन मिल गया था तो उसे एक लाख रुपये के लिए सुसाइड करने की क्या जरूरत थी.
सिविल लाइन थानाक्षेत्र की देवीनगर कॉलोनी निवासी संजीव जैन ने मकान नंबर 131 खसरा नंबर 4314 नरेश कुमार से खरीदा था. इस मकान पर यूको बैंक का लोन था, जो बाद में संजीव जैन के नाम पर ट्रांसफर हो गया. आरोप है कि इसी मकान पर जनवरी 2020 में देवेंद्र सैनी निवासी सरायकाजी मेडिकल के नाम पर 32 लाख 70 हजार रुपये का लोन पंजाब नेशनल बैंक की मंगलपांडेनगर ब्रांच ने दिया था.
लोन की किस्त जमा नहीं की गई, जिसके बाद रिकवरी 38 लाख रुपये हो गई. 25 मई 2023 को संजीव जैन के मकान पर बैंक अधिकारियों ने नोटिस चस्पा कर दिया था. संजीव जैन ने बैंक लोन कराने वाले देवेंद्र सैनी की पत्नी सरोज, अरुण कुमार, तरुण, सौरभ शर्मा, गगन मित्तल, अंकुर जैन समेत कई पर मुकदमा दर्ज कराया है.
देवेंद्र ने किया था सुसाइड
जुलाई 2021 को एसएसपी ऑफिस पर देवेंद्र ने सल्फास खाकर जान दी थी. मरने से पहले उसने पुलिस को बताया था कि उसने भावनपुर के रिंकू-पिंकू नामक सूदखोरों से एक लाख रुपये ब्याज पर लिए थे. 2.50 लाख रुपये का भुगतान कर चुके हैं, लेकिन अब आरोपी ने मकान पर कब्जा कर लिया है.
इतनी रकम मिलती तो क्यों करता सुसाइड
एक लाख रुपये के लिए सुसाइड करने वाले देवेंद्र सैनी के नाम पर बैंक ने 32.70 लाख रुपये का लोन वर्ष 2020 में किया था. लोन की रकम देवेंद्र को मिली होती तो क्या वह एक लाख रुपये के लिए सुसाइड करता?
सिविल लाइन थाने में बैंक लोन के फर्जीवाड़े के संबंधित एक मुकदमा दर्ज हुआ है. पता चला है कि जिस देवेंद्र के नाम पर लोन हुआ था, वह वर्ष 2021 में सूदखोरों से परेशान था और सुसाइड कर लिया था. केस में अभी जांच की जा रही है – पीयूष सिंह, एसपी सिटी.