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प्रदूषण नियंत्रण समिति और दो अन्य एजेंसियों के प्राधिकारियों को नोटिस
नयी दिल्ली: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने तुगलकाबाद में एक इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव शेड से अनुपचारित ‘इंजन ऑयल’ के प्रवाह को लेकर दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति और दो अन्य एजेंसियों के प्राधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं।उसने भारतीय रेलवे को मामले में एक नयी रिपोर्ट भी दाखिल करने को कहा है।
अनुसार एनजीटी मोहन कोऑपरेटिव इंडस्ट्रियल इलाके में बह रहे एक नाले में शेड से निकला तेल बहाए जाने और नाले का पानी दक्षिणपूर्वी दिल्ली में आगरा नहर में गिरने के मामले पर सुनवाई कर रहा है।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और विशेषज्ञ सदस्य ए. सेंथिल वेल की पीठ ने कहा कि अधिकरण ने इस साल अप्रैल में उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक को मामले पर गौर करने तथा एक कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।
भारतीय रेलवे द्वारा 29 सितंबर को प्रकाशित एक रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए पीठ ने कहा कि संबंधित प्राधिकारियों ने मुद्दों के बारे में ‘‘पूर्ण विवरण’’ मुहैया नहीं कराया। इन मुद्दों में अपशिष्ट जल के प्रवाह की मात्रा, जल गुणवत्ता विश्लेषण और ऐसे तेल के शोधन के लिए उपलब्ध अपशिष्ट उपचार सुविधाएं शामिल हैं।
पीठ ने चार दिसंबर को अपने आदेश में कहा, ‘‘अत: रेलवे को उपरोक्त पहलुओं पर एक नयी रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया जाता है।’’मामले में दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के सदस्य सचिव, नवीन ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) आयुक्त को भी पक्षकार बनाया गया है।
एनजीटी ने कहा, ‘‘उपरोक्त प्रतिवादियों को नोटिस जारी किए जाए जो आठ सप्ताह के भीतर अपना जवाब/रिपोर्ट दाखिल करेंगे।’’मामले पर अगली सुनवाई के लिए 13 फरवरी की तारीख तय की गयी है।