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जब भी आप सरकारी दफ्तरों में जाते हैं तो आपने देखा होगा कि सरकारी कार्यालयों में अक्सर कर्मचारी और अधिकारी गायब रहते हैं। जिसको लेकर आम जनात कि शिकायतें भी रहती हैं। लेकिन एक आरटीआई में खुलासा हुआ है कि अगर कोई सरकारी कर्मचारी ड्यूटी के लिए चार दिन या इस से ज्यादा बार देरी से पहुंचता है तो उस पर अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है।
ड्यूटी के लिए चार से ज्यादा बार देरी से पहुंचने पर होती है कार्रवाई
सूचना अधिकार के अन्तर्गत उत्तराखंड के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन (एडवोकेट) ने लोक सूचना अधिकारी से सरकारी कार्यालयों में अधिकारियों के मिलने के समयों आदि की जानकारी मांगी थी। जिसके जवाब एक खुलासा हुआ है। इसके मुताबिक सरकारी कार्यालय में चार बार या उस से ज्यादा बार देरी से पहुंचने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही के प्रावधान है।
30 जून 2009 से हैं ये प्रावधान
नदीम को उपलब्ध 30 जून 2009 को तत्कालीन मुख्य सचिव इन्दु कुमार पाण्डे के हस्ताक्षरों से जारी शासनादेश संख्या 478 के मुताबिक कार्यालयों में समय से उपस्थिति के सम्बन्ध में न केवल कड़े आदेश जारी किये गये हैं। बल्कि देर से आने वाले कर्मचारियों के विरूद्ध मौखिक व लिखित चेतावनी, आकास्मिक अवकाश काटे जाने तथा अनुशासनात्मक कार्यवाही के आदेश भी दिये गये हैं।
काशीपुर निवासी नदीम उद्दीन ने मांगी थी जानकारी
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन को विभाग द्वारा इस आदेश की प्रतिलिपी भी उपलब्ध कराई गई है। इस आदेश में ये भी कहा गया है कि सभी कार्यालयाध्यक्ष प्रति दिन कार्यालय समय से पूर्व पहुंचे और अपने अधीनस्थ अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों की उपस्थिति कार्यालय में यथा समय सुनिश्चित करायें।
इसके साथ ही कहा गया है कि हर दिन उपस्थिति पंजिका नामित अधिकारी सुबह 10ः15 के उपस्थिति रजिस्ट्रर अपने पास मंगवाकर अपनी टिप्पणी अंकित करेंगे। इस दौरान कार्यालय में देरी से आने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे।
देरी से आने वालों पर होगी ये कार्रवाई
इस साशनादेश में साफ से बताया गया है कि देरी से आने वाले अधिकारी, कर्मचारी के विरूद्ध कैसे कार्रवाई की जाएगी। महीने में एक दिन देर से आने पर मौखिक चेतावनी दी जायेगी।
अगर कोई दो दिन देर से आता है तो उसे लिखित चेतावनी दी जायेगी। अगर कोई तीन दिन देर से कार्यालय में आता है तो उसका एक दिन का आकस्मिक अवकाश काटा जायेगा। इसके साथ ही अगर कोई चार दिन या अधिक देरी से आता है तो उस पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।
अनुशासनात्मक कार्यवाई में होते हैं ये प्रावधान
अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रभाव प्रदोन्नति, वेतन वृद्धि आदि विभिन्न सेवा सम्बन्धी मामलों में पड़ता है। इसके साथ ही दीर्घ दण्ड के अन्तर्गत कर्मचारी और अधिकारियों को पद से डिमोशन या समय पूर्व रिटायरमेंट यहां तक की बर्खास्तगी तक की सजा भी दी जा सकती है।
बहाना बनाकर कार्यालय से नदारद रहने वालों पर होगी ये कार्रवाई
इसके साथ ही इस शासनादेश में कार्यालय के काम से बाहर जाने और दौरों का बहाना बनाकर कार्यालय में न बैठने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी नकेल डालने का प्रावधान किया गया है। इसमें कहा गया है कि हर कार्यालय में अनिवार्य रूप से क्षेत्र भ्रमण रजिस्टर रखा जायेगा। क्षेत्र भ्रमण मीटिंग या व्यक्तिगत कार्य से बाहर जाने वाले कर्मचारी अधिकारी के बाहर जाने की इसमें अनिवार्य रूप से प्रविष्टि की जायेगी।