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निर्यात दायित्वों से चूकने वाले निर्यातकों के लिए श्रमा योजना शुरू
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | वित्त मंत्रालय ने उन्नत एवं पूंजीगत उत्पादों के निर्यात प्रोत्साहन (ईपीसीजी) की प्राधिकार योजना के तहत अपने निर्यात दायित्वों को पूरा नहीं कर पाने वाले कारोबारियों के लिए माफी योजना को लागू कर दिया है।
माफी योजना में आयात-निर्यात से जुड़े कारोबारियों को 100 प्रतिशत तक सीमा शुल्क एवं ब्याज चुकाकर खुद को पाक-साफ करने का मौका दिया जाएगा। यह सुविधा उन कारोबारियों के लिए ही है जो उन्नत एवं ईपीसीजी प्राधिकार योजना के अनुरूप अपने निर्यात दायित्वों पर खरा उतरने में नाकाम रहे हैं।
गत 31 मार्च को घोषित विदेश व्यापार नीति में माफी योजना लाने का जिक्र किया गया था। अब इसे लागू कर दिया गया है।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा-शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने बुधवार को जारी एक परिपत्र में कहा, ‘‘इस योजना के तहत मामलों की निगरानी करने के अलावा उनपर नजर रखी जाएगी ताकि वास्तविक चूक के पुराने मामलों का कारगर एवं त्वरित निपटारा हो।’’
सीबीआईसी ने प्रमुख आयुक्तों एवं कर आयुक्तों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि पुराना शुल्क देने के लिए संपर्क करने वाले निर्यातकों का विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के पास पंजीकरण जरूर हो। इस योजना का लाभ उठाने के लिए 30 सितंबर, 2023 तक लंबित शुल्क का भुगतान करना होगा।
केपीएमजी के राष्ट्रीय प्रमुख (अप्रत्यक्ष कर) अभिषेक जैन ने कहा कि यह परिपत्र पुराने शुल्क मामलों का निपटारा क्षेत्रीय अधिकारियों के स्तर पर करने की सरकार की मंशा को दर्शाता है। इससे मामलों का जल्द निपटारा करने में भी मदद मिलेगी।
एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ साझेदार रजत मोहन ने कहा कि यह योजना निर्यातकों पर वित्तीय बोझ कम करने के इरादे से लाई गई है और इसमें निर्यात चूक दायित्वों के निपटान में मदद पहुंचाने का लक्ष्य है।