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जनता से रिश्ता वेबडेस्क | भारत में पेपर और पेपरबोर्ड का आयात वित्त वर्ष 2022-23 में 47 प्रतिशत की तेज वृद्धि के साथ 11,513 करोड़ रुपये हो गया जबकि इसके एक साल पहले 7,839 करोड़ रुपये का आयात हुआ था।
वाणिज्यिक आसूचना एवं सांख्यिकी महानिदेशालय (डीजीसीआई एंड एस) के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। इसके मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 में चीन से आयात दो गुना से अधिक और आसियान देशों से 97 प्रतिशत तक बढ़ गया।
सर्वाधिक उछाल बगैर ‘कोटिंग’ वाले लिखने वाले कागज और छपाई के कागज (दो गुना) के आयात में देखा गया है। इसके बाद कोटेड पेपर और पेपरबोर्ड में 51 प्रतिशत और टिश्यू पेपर में 41 प्रतिशत की आयात वृद्धि हुई है।
इंडियन पेपर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (आईपीएमए) के अध्यक्ष पवन अग्रवाल ने कहा कि पर्याप्त घरेलू उत्पादन क्षमता के बावजूद पिछले तीन सालों में भारत में पेपर और पेपरबोर्ड का आयात तेज गति से बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि बढ़ा हुआ आयात भारत में अधिकांश छोटी और मध्यम पेपर मिलों को व्यावसायिक रूप से गैर-लाभप्रद बना रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘यह 'मेक इन इंडिया', 'आत्मनिर्भर भारत' और 'वोकल फॉर लोकल' की भावना के खिलाफ है।’’