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जनता से रिश्ता वेबडेस्क | केंद्र की मोदी सरकार ने देश की सबसे बड़ी कोयला कंपनी को लेकर एक खास योजना बनाई है। सरकार अपनी इस योजना के तहत कोल इंडिया की तीन प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने जा रही है। सरकार ने एक जून से बिक्री पेशकश के जरिये कोल इंडिया की तीन प्रतिशत तक हिस्सेदारी बेचने का प्रस्ताव रखा है।
इसके जरिए सरकारी खजाने को कम से कम 4,158 करोड़ रुपये मिलेंगे। चालू वित्त वर्ष में सरकार द्वारा किसी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम में यह पहली हिस्सेदारी बिक्री होगी। दो दिन के ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) के लिए फ्लोर प्राइस 225 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है। यह ऑफर फॉर सेल मार्केट के आखिरी स्टॉक प्राइस पर 6.7 फीसदी के डिस्काउंट पर लाया जा रहा है।
स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में पीएसयू बेहेमोथ ने कहा कि सरकार 9.24 करोड़ शेयरों को कंपनी में 1.5 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ 225 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर बेचेगी। इसके अलावा, ओवर सब्सक्रिप्शन के मामले में समान मात्रा में हिस्सेदारी बेचने के लिए ग्रीन शू विकल्प होगा।
जानकारी के मुताबिक, कोल इंडिया ने शेयर बाजार को इस बारे में जानकारी भी दे दी है। कंपनी ने बताया है कि बिक्री पेशकश (ओएफएस) ऑफर खुदरा और गैर-खुदरा निवेशकों के लिए एक और दो जून के लिए जारी रहेगा। सीआईएल का शेयर बीएसई पर पिछले बंद भाव के मुकाबले 1.29 फीसदी की गिरावट के साथ 241.20 रुपये पर बंद हुआ। मौजूदा समय में कोल इंडिया में सरकार की 66.13 फीसदी हिस्सेदारी है। चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार ने 51,000 करोड़ रुपए के विनिवेश का लक्ष्य रखा है।