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![एक बार फिर एयरलाइन कंपनी डूबने की कगार पर? एक बार फिर एयरलाइन कंपनी डूबने की कगार पर?](https://jantaserishta.com/h-upload/2023/05/02/2839496-untitled-51-copy.webp)
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | भारत में कई सारी एयरलाइन कंपनियां है. कुछ अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं तो कुछ ऐसी कंपनियां भी थी जिन्होंने अब अपना परिचालन बंद कर दिया है. इनमें किंगफिशर एयरलाइन और जेट एयरवेज का नाम काफी आगे है. दोनों ही एयरलाइन दो बड़े कारोबारियों की थी लेकिन दोनों ही कंगाल हो गई और उन्होंने अपना कारोबार भी समेट लिया. इस बीच देश में एक और एयरलाइन पर संकट के बादल छाए हुए हैं. इस एयरलाइन कंपनी का नाम गो फर्स्ट है.
दिवाला प्रक्रिया
वाडिया ग्रुप के स्वामित्व वाली किफायती सेवाएं देने वाली एयरलाइन गो फर्स्ट ने नकदी के गंभीर संकट की वजह से तीन और चार मई की अपनी उड़ानें अस्थायी रूप से निलंबित रखने की घोषणा की है. इसके साथ ही एयरलाइन ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की दिल्ली पीठ में स्वैच्छिक दिवाला समाधान प्रक्रिया के लिए भी आवेदन किया है.
क्या आई दिक्कत?
दरअसल, एयरलाइन को प्रैट एंड व्हिटनी (पीएंडडब्ल्यू) से इंजन की आपूर्ति नहीं मिलने की वजह से अपने बेड़े के आधे से ज्यादा यानी 28 विमानों को खड़ा करना पड़ा है. इस वजह से एयरलाइन के सामने नकदी का संकट पैदा हो गया है. नकदी न होने कारण कंपनी की हालात खराब हो गई है, जिसके कारण कंपनी ने दो दिन अपना परिचालन बंद कर दिया है.
कौन है जिम्मेदार?
इस बारे में एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय की गो फर्स्ट से जुड़े घटनाक्रमों पर करीबी नजर है. अधिकारी ने कहा कि देश का नागर विमानन क्षेत्र मजबूत है लेकिन वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में दिक्कत जैसे बाहरी मुद्दे गो फर्स्ट की इस स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं.
17 सालों से चल रहा कारोबार
बता दें कि गो फर्स्ट 17 साल से अधिक से परिचालन कर रही है. चालू साल की पहली तिमाही में इसने घरेलू मार्गों पर 29.11 लाख लोगों को यात्रा कराई है. इस दौरान गो फर्स्ट की बाजार हिस्सेदारी 7.8 प्रतिशत रही. हालांकि अब गो फर्स्ट की हालत खराब होती हुई दिखाई दे रही है.इनमें भी दिखा नकदी का संकट
वहीं परिचालन बंद कर चुकी किंगफिशर एयरलाइंस और जेट एयरवेज के बीच काफी समानता देखने को मिली थी. किंगफिशर ने अपना परिचालन साल 2012 में बंद कर दिया था. कंपनी कभी भी मुनाफा नहीं दिखा पाई थी, जिसके कारण कंपनी के सामने भी नकदी का संकट आ गया था. वहीं जेट एयरवेज ने भी कुछ साल पहले अपना परिचालन नकदी के संकट के कारण बंद कर दिया था.