रायपुर। जनता से रिश्ता के पाठक हीरादास साहू ( कलेवा ) ने एक कविता ई-मेल पर शेयर किया हैं. आघू कोत परेतवा ठाढ़े,देखौ रे कलपिया। भूत सही लागे मोला,पाछू कोतिक बतिया।। जोन करना अभी करले, यही हवे...